स्मार्ट सिटी की जमीन के बदले एचइसी ने मांगा 500 करोड़

रांची : एचइसी जमीन बेच कर रियासती हुकूमत से 500 करोड़ रुपये लेगा. एचइसी इंतेजामिया ने रियासती हुकूमत से स्मार्ट सिटी की जमीन के बदले 500 करोड़ रुपये की मुतालिबात की है. इससे मुताल्लिक एक ख़त एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने इंडस्ट्री महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी यूपी सिंह को दो जनवरी 2016 को भेजा है. ख़त में लिखा गया है कि स्टेट बैंक ने एचइसी के ज़दीद के लिए 1311.47 करोड़ रुपये कर्ज देने पर अपनी मंजूरी दे दी है. हालांकि इसके लिए एचइसी को अपना नेट वर्थ बढ़ाने की जरूरत है. एचइसी को नेट वर्थ बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये की जरूरत है. बदले में स्मार्ट सिटी के लिए जमीन देने का परपोजल एचइसी ने दिया है. यह जमीन 341 एकड़ है.

साबिक में भी जमीन के बदले पैकेज ले चुका है एचइसी : एचइसी साल 2007 से 2009 के दरमियान भी पुनर्वास पैकेज के तहत रियासती हुकूमत को 2342 एकड़ जमीन दे चुकी है. हालांकि सीएमडी ने लिखा है कि इसमें कैशलेश पैकेज था. तकरीबन 1116 करोड़ रुपये का कैशलेस पैकेज रियासती हुकूमत की तरफ से दिया गया था. जिसमें बकाया बिल, कोमेर्सियल टैक्स के बकाये वगैरह को माफ किया गया था. अब एक बार फिर एचइसी जमीन के बदले एचइसी के ज़दीद  के लिए रक़म की मुतालिबात कर रहा है.

सीएमडी ने कहा है कि एचइसी के बीआइएफआर में जाने के बाद मर्क़ज़ व रियासती हुकूमत के मदद से उसे दुबारा बसाने  के लिए पैकेज दिया गया था. इसके बाद कंपनी ने 2006-07 से 2012-13 तक फायदा कमाया. लेकिन मशीन व दीगर  अलात के पुराने हो जाने की वजह से उसकी प्रोडक्शन कैपसिटी कमज़ोर हुआ. इस सूरते हाल से उबरने के लिए एचइसी के ज़दीद की मंसूबा बनायी गयी.

मेकन को कंसल्टेंट तक़र्रुर किया गया. मेकन ने सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट में ज़दीद करने के लिए 976.60 करोड़ रुपये की जरुरत बतायी. कंपनी ने बैंकों से कर्ज लेकर ज़दीद करने की सिम्त में पहल की. स्टेट बैंक ने इसके लिए कर्ज देने पर मंजूरी जतायी. इसके बाद एसबीआइ कैप को प्रोजेक्ट एडवाइजरी कम फायनेंशियल अपराइजल रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी. एसबीआई कैप ने अपनी रिपोर्ट में ज़दीद के लिए 1311.47 करोड़ की जरुरत बतायी है. एसबीआइ कैप के मुताबिक स्टेट बैंक से कर्ज की सहुलत लेने के लिए एचइसी को नेट वर्थ बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए एचइसी को 500 करोड़ रुपये की जरूरत है. एचइसी ने इंडस्ट्री सेक्रेटरी को ख़त लिखकर इस रकम की मांग की है. साथ ही बदले में स्मार्ट सिटी के तरक्क्की के लिए जमीन देने का परपोजल दिया है.