स्लोवाकिया में जर्मनी और फ्रांस के नेताओं ने कहा है कि यूरोपीय संघ की बैठक में पहुंचे 27 सदस्य देशों के नेता यूरोपीय संघ को अधिक मज़बूत बनाने की एक योजना बनाएंगे। बावजूद इसके कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ‘गंभीर स्थिति’ पैदा हो गई है।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्कल ने कहा है कि छह महीने में तैयार होने वाली इस योजना में अवैध प्रवासियों को रोकने की प्रतिबद्धता भी शामिल है।
ओलांद ने कहा, “हमने तय किया है कि प्रवासी संकट को हमें मिलकर सुलझाना होगा, साथ ही शरण चाहने वालों के अधिकारों का सम्मान करना होगा।” जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्कल ने कहा कि ईयू के सदस्य देशों को ये दिखाना होगा कि वे सुरक्षा, रक्षा सहयोग और अर्थव्यवस्था में बेहतर हो सकते हैं। मर्कल ने कहा कि नई योजना में सुरक्षा के मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “सुरक्षा, अप्रवासन, बाहरी सीमाओं की सुरक्षा का मुद्दा हमारी चर्चा में प्रमुख था। हमने कहा कि अवैध प्रवासियों को रोका जाए। अगर ये संभव नहीं है तो कम से कम इसे काफी हद तक घटाया जाए। हम लड़ाई की असल वजह को दूर करना चाहते हैं।
हम पहले से कहीं ज़्यादा देशों के साथ इस मुद्दे को सुलझाने चाहते हैं और ज़मीनी हालात को सुधारने में उनकी मदद करना चाहते हैं ताकि लोगों को पलयान करने की ज़रूरत ना पड़े।” लेकिन हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान का कहना है कि शिखर सम्मेलन अप्रवासन के मुद्दे को सुलझाने में नाकाम रहा है।