हाथ का लंबा होना सख़ावत कि निशानि है, इस लिए कि अरब कहते हैं (इस का हाथ तुम से ज़्यादा लंबा है)। कभी स्वप्न फल उलटा भी होता है, जैसे रोने का स्वप्न फल है ख़ुशी और ताऊन का स्वपन फल है जंग ओर जंग का स्वपन फल है ताऊन , इसी तरह सेलाब की ताबीर दुश्मन और दुश्मन की ताबीर सेलाब बताते हैं।
बेहतर ताबीर वो है, जो क़ुरान या हदीस शरीफ़ की मदद से दी जाए, जैसे किसी ने ख़ुद को ख़ाब में सफीना (कशती) के अंदर देखा तो ताबीर कुरानी आयत की मदद से नजात से दी जाती है। तर्जुमा: हम ने नूह (अलैहि अस्सलाम) और अहल कश्ती को नजात दी। इसी तरह किसी ने ख़ुद को कुँवा में गिरता देखा तो ये साज़िश का शिकार होगा।
हर चीज़ की ताबीर इस कि जिन्स, प्रकार और तबियत के मुताबिक़ होगी, जैसे दरख़्त, दरिन्दा, परिंदा ये अलग अलग जिन्स हैं, मगर इन सब की ताबीर मर्द है। मगर जिन्स ओर प्रकार के इख़तिलाफ़ से इस आदमी की सिफ़ात में भी इख़तिलाफ़ होगा, जैसे खजूर का दरख़्त है, इस की ताबीर अरबी मर्द है, इस लिए कि खजूर अरब का दरख़्त है और परिंदा भी मर्द है। अगर मोर के नौ से होतो उस की ताबीर अजमी मर्द है और अगर नर शुतुर मुर्ग़ है तो इस की ताबीर देहाती अरबी शख़्स है।
और तबा यानी जिस्मानी साख़त की नरमी सख़्ती के एतबार से ताबीर होगी।जैसे अखरोट की ताबीर मामले में ख़ुसूमत ओर-मुनाज़रा में मुश्किलात पेश आने से दी जाएगी और खजूर की ताबीर ज़्यादा फ़ाइदाबख्श मर्द है।
इसी तरह मोर की ताबीर ख़ूबसूरत मालदार अजमी बादशाह है और कव्वे की ताबीर धोका बाज़ फ़ासिक़ किस्म का आदमी है। ख़ाब की ताबीर समझने के एतबार से स्वपन फल बतानेवालों के लिए बहुत तरीक़े हैं, इस की कोई ख़ास तादाद तय नहीं, बल्कि स्वपनफल बताने वाले की मार्फ़त, महारत, दियानत और ताबीर का दरवाज़ा इस पर खुलने से ज़्यादा भी हो सकते हैं। अल्लाह ताला जिस को चाहता है राह रास्त पर उस को चलाता है।