स्वाइन फ़लू,घबराएए नहीं एहतियात कीजिए

किया आंधरा प्रदेश पर फिर से स्वाइन फ़लू के ख़तरात मंडला रहे हैं या फिर ये महज़ झूटा ख़ौफ़ है या गैर ज़रूरी सरासीमगी फैलाई जा रही है । इस में कोई शक नहीं है कि यक्म जनवरी से 26 मार्च तक रियासत में स्वाइन फ़लू के 55 केस दर्ज किए गए और उन में चार जान लेवा साबित हुए । डॉक्टर्स यक़ीन दिला रहे हैं कि घबराने की कोई बात नहीं है ।

इन का कहना है कि हिनी वाइरस की रोक थाम हुई है जिस की वजह से स्वाइन फ़लू होता है । आलमी सेहत तंज़ीम WHO ने भी गुज़शता साल इस वाइरस की रोक थाम का ऐलान किया है । एस्टेट स्वाइन फ़लू क्वारडिंटर पल्लू मोनूलोजिस्ट डाक्टर सोभाकर ने कहा कि स्वाइन फ़लू के ताज़ा वाक़ियात अवाम में सफ़ाई का ख़्याल ना रखने और इंफेक्शन की वजह से हुए हैं ।

स्वाइन फ़लू केस की तादाद इतनी नहीं है जितनी साबिक़ में थी तशवीश की कोई बात नहीं है । साबिक़ में हर दिन स्वाइन फ़लू के केसेस बढ़ते ही जा रहे थे गुज़शता बरसों के मुक़ाबिल इंफेक्शन की सतह भी काफ़ी कम हुई है । चार अम्वात इंफेक्शन की वजह से हुई हैं मुतव्वफ़ी ज़ईफ़ और औसत उम्र के अफ़राद थे इंफेक्शन से ज़्यादा तर बच्चे मुतास्सिर होरहे हैं ।

स्वाइन फ़लू के 55 केसेस में 95 फीसद केसेस कॉरपोरेट और पराईविट हॉस्पिटल्स में दर्ज किए गए सिर्फ 5 फीसद सरकारी दवा ख़ानों से रुजू हुए हैं डाक्टर सोभाकर ने कहा कि सरकारी दवा ख़ानों में हम सी ज़मुरा के मरीज़ों के लिए पॉज़ीटिव टेस्ट करवाते हैं और उन्हें वीरूलोजी लेयाब से रुजू करते हैं अगर मरीज़ों में हल्की अलामतें हूँ तो उन का टेस्ट नहीं किया जाता ।

बच्चे ज़ईफ़ अफ़राद जो आरज़ा-ए-क़्लब से दो-चार हैं ज़िया बत्तीस दमा और कैंसर के मरीज़ और हामिला ख़वातीन के स्वाइन फ़लू से मुतास्सिर होने का ज़्यादा अंदेशा रहता है उन्हें इबतिदाई अलामतों को नज़र अंदाज नहीं करना चाहीए । बीमारी से कम बचाउ वाले अफ़राद को वैक्सीन लेना चाहीए वाइरस की मूसिर रोक थाम के लिए बुनियादी सफ़ाई सुथराई ज़रूरी है ।

शदीद बुख़ार खांसी नज़ला ज़ुकाम गले की ख़राश , जिस्म दर्द देना , सर दर्द , किए मतली दस्त जलद का रंग तब्दील होना इस मर्ज़ की अलामतें हैं । इस से बचाउ के लिए नाक और मुँह ढाँके रहना चाहीए । ख़ासकर नज़ला ज़ुकाम खांसी के फ़ौरी बाद साबुन और पानी से हाथ धो लेना चाहीए ।।