स्वामी गोड़ की मुश्किलात में इज़ाफ़ा , टी आर ऐस की दूरी, वज़ीफ़ा पर सुबकदोशी के बाद तमाम ख़ाब चकनाचूर

तेलंगाना एन जी ओज़ जवाइंट ऐक्शण कमेटी के साबिक़ सदर नशीन स्वामी गोड़ की वज़ीफ़ा पर सुबकदोशी के साथ ही उन की मुश्किलात में इज़ाफ़ा हो चुका है। एक तरफ़ आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट ने तेलंगाना मुलाज़मीन को अराज़ी(जमीन) के पट्टा जात के अलाटमैंट में मुबय्यना बे क़ाईदगियों के मसला पर स्वामी गोड़ के ख़िलाफ़ कार्रवाई की हुकूमत को हिदायत दी तो दूसरी जानिब तेलंगाना राष़्ट्रा समीती ने बोहरान के इस मौक़ा पर इन से दूरी इख़तियार करली।

अलैहदा तेलंगाना तहरीक में स्वामी गोड़ मैं तेलंगाना मुलाज़मीन की क़ियादत की और टी आर इस के प्रोग्रामों को कामयाब करने में अहम रोल अदा किया था। अदालत ने अंदरून एक माह क़ानूनी कार्रवाई के आग़ाज़(शरुआत) की हिदायत दी बसूरत-ए-दीगर दरख़ास्त गुज़ार को इख़तियार दिया कि वो दूसरे क़ानूनी तरीक़ा इख़तियार करे।

फ़ैसला में कहा गया है कि डिस्ट्रिक्ट कवापरीटीव ऑफीसर हैदराबाद ने अपनी तहक़ीक़ाती रिपोर्ट में इन्किशाफ़ किया कि हाउज़िंग सोसाइटी ने कई बे क़ाईदगियों का इर्तिकाब किया है।

प्लॉट्स के अलाटमैंट के इलावा दीगर उमोर में भी कई बे क़ाईदगियों की शिकायात के ज़रीया तेलंगाना नान गज़ीटीड ऑफीसर वीलफ़ीर असोसी एष्ण ने आंधरा प्रदेश हाइकोर्ट में दरख़ास्त पेश की थी और ये फ़ैसला स्वामी गोड़ के ख़िलाफ़ आया। अब जबकि वो ओहदा से सुबुकदोश(रिटाइरड) होचुके हैं,

बताया जाता है कि हुकूमत भी उन के ख़िलाफ़ कार्रवाई का आग़ाज़(शरुआत) कर सकती है। इस तरह स्वामी गोड़ के लिए मसाइल में इज़ाफ़ा होगा।

स्वामी गोड़ को निशाना बनाते हुए हुकूमत दूसरे माअनों में तेलंगाना तहरीक से वाबस्ता क़ाइदीन को भी मुतनब्बा करने की कोशिश करेगी।