स्विट्जरलैंड : हर बालिग़ व्यक्ति के लिए माहाना ढाई हजार डॉलर: स्विस जनमत संग्रह

बर्न: स्विट्जरलैंड में 5 जून को एक जनमत संग्रह का आयोजन हो रहा है, जो स्विस जनता इस बारे में फैसला करेंगे कि देश भर में हर वयस्क व्यक्ति चाहे वह काम करे या न करे, जिस में मासिक न्यूनतम ढाई हजार डॉलर के बराबर राशि मिलनी चाहिए।

न्यूनतम मासिक आय का विचार बहुत सरल है, यानी आप वयस्क हैं और आप काम करते हों या न करते हों, आप को कम से कम 25 सौ डॉलर मासिक के बराबर राशि मिलती रहेगी जबकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी 6  सौ डॉलर मासिक के बराबर भुगतान किया जाएगा। स्विस जनता 5 जून को एक जनमत संग्रह के माध्यम से इसी बात का फैसला करेंगे।

स्विस सरकार ने जनता से अपील की है कि वह उसके समर्थन में वोट न डालें। सरकार का कहना है कि कम से कम आमदनी तय करने से न केवल लागत में वृद्धि होगी बल्कि यह कदम समाज को भी प्रभावित करेगा। कुछ विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त भी किया है कि अगर काम किए बिना हर वयस्क व्यक्ति को मासिक खर्च कर दिया गया, तो लोगों में काम करने की प्रवृत्ति भी खत्म हो जाएगा।

दूसरी ओर इसके पक्ष में अभियान चलाने वालों की राय में ऐसा नहीं होगा बल्कि उनकी राय में हर नागरिक को कम से कम राशि प्रदान करने के लिए ही एक सम्मानजनक समाज गठन पाएगा बल्कि प्रौद्योगिकी के इस आधुनिक युग में, जब मनुष्य बजाय मशीनों से अधिक काम लिया जा रहा है, जनता के कल्याण को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

पिछले महीने हर किसी के लिए कम से कम आवश्यक मासिक आय के पक्ष में अभियान चलाने वाले कार्यकर्ताओं ने दुनिया का सबसे बड़ा बैनर भी तैयार किया था जिसे गीनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल कर लिया गया है। इस बैनर पर सुनहरे अक्षरों में दर्ज था, ” अगर आप को खर्च सरकार दे तो आप क्या काम करेंगे? ”

वयस्क नागरिकों को कम से कम पच्चीस सौ स्विस फ्रैंक जबकि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को 6 सौ स्विस फ्रैंक मासिक भुगतान की मांग की जा रही है

इस बारे में अभियान चलाने वाली सामाजिक संस्था ‘मूल आय स्विट्जरलैंड’ की प्रवक्ता मारिलोला वैली का कहना है, ” हम इस जनमत संग्रह के माध्यम से यह चाहते हैं कि स्विट्जरलैंड के हर नागरिक को जीवित रहने के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध हो। ”

न्यूनतम मासिक मजदूरी का विचार नया तो नहीं है लेकिन स्विट्जरलैंड में शुरू होने वाली इस अभियान के प्रभाव पड़ोसी देशों तक भी पहुंच चुके हैं। फिनलैंड भी इस परियोजना पर नज़र रखी हुई है और स्विट्जरलैंड में उसकी सफलता के मामले में उसे फिनलैंड में भी आजमाया जा सकता है।

इसी तरह जर्मनी में भी ऐसा ही अभियान शुरू हो चुकी है। हालांकि जर्मनी में सत्ता चांसलर अंजेला मैर्केल की पार्टी सीडी यू पहले ही कह चुकी है कि वह देश में ऐसे किसी जनमत संग्रह का समर्थन नहीं करेगी लेकिन अब जर्मनी में एक सामाजिक संगठन ने एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर के साथ एक आवेदन प्रस्तुत करा दी है, जिसमें मांग की गई है कि जर्मनी में भी ऐसा ही एक जनमत संग्रह परियोजना शुरू किया जाए।