एक मुस्लिम संगठन ने हाल ही में बुर्क़े और मस्जिदों के निर्माण पर लगाये गये प्रतिबंध पर नाराज़गी जताई है| कथित तौर से यह कदम अवैध अप्रवासियों के आगमन को रोकने के लिए लिया गया है |
4000 से ज़्यादा लोगो को घर देने वाला आसोतथलोम तब सुर्खियों मैं आया जब वहां के दक्षिणपंथी मेयर, लैस्जलो तोरोकज़ई ने हॉलीवुड स्टाइल मैं एक तस्वीर जारी की जिसमे वे अपने कुछ करीबी लोगो के साथ सर्बिआ की दक्षिणी सीमा मैं घुस रहे अप्रवासियों से सीमा की रक्षा कर रहे थे।
मेयर ने इन नए नियमो को 23 नवम्बर को अपने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा की “यह कदम बाहरी लोगो से अपने समाज और संस्कृति को बचाने के लिए लिया जा रहा है क्योंकि 90 % बाहर से आये हुए लोग मुसलमान हैं “।
हंगरी के अधिकारियो का कहना है की इस साल उनके यहाँ 19000 अप्रवासी और शरणागत आये हैं और उनमे से 90 % अवैध रूप से हंगरी मे घुसे हैं ।मेयर के बयां ने हंगरी के इस्लामी समुदाय (MIK) को चकित कर दिया है . उन्होंने कहा यह प्रमाण है बढ़ती विदेश्यो के प्रति नफरत और इस्लामोफोबिया का, समूह ने यह भी कहा की उन्होंने आदेश की जांच के लिए संवैधानिक अदालत मे लिखित अनुरोध भी दिया है।
समूह ने कहाँ की अल्पसंख्यक होने के बावजूद वे बाकि हंगरी के निवासियों की तरह ही हैं और उन्हें भी वही संवैधानिक अधिकार प्राप्त होने चाहियें जो बाकी लोगों को मिले हुए हैं |मइके का कहना है कि प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान, यूरोपीय संघ के आव्रजन नीति के आलोचक को भेजे गए एक पत्र का अब तक जवाब नहीं मिला है|
1990 में स्थापित, मईके हंगरी में सबसे पुराना समूह है जो मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता है, और एक अनुमान के अनुसार इसके 40,000 सदस्य हैं। दिलचस्प है, 2011 की जनगणना के अनुसार केवल 5579 मुसलमान हंगरी मे रह रहे थे।हंगरी ग्रीक कैथोलिक चर्च के इसके विपरीत 323000 से अधिक सदस्य हैं।पिछले महीने, हंगरी मे शरण साधक कोटा पर एक जनमत संग्रह का आयोजन किया गया था ।
हालांकि 98.3 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि वे यूरोपीय संघ के नियमों का पालन नहीं करना चाहते,परंतु वे 50 प्रतिशत के मतदान की आवश्यकता तक पहुँच नहीं सके और वोट बेमायने हो गए।
हंगरी के प्रधानमंत्री, जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के प्रतिद्वंदी है .मार्केल का कहना है की जब तक अप्रवासियों का संकट ख़तम नहीं हो जाता तब तक पुरे यूरोप को मिल कर शरणार्तियों का बोझ सहन करना चाहिए . ओरबान ने कहा है कि मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के मुस्लिम प्रवासियों से मुख्य रूप से हुन्दर्य के ईसाइयो की सुरक्षा मे जोखिम पैदा होगा।