पंजाबी सूफी ग्लूकार व शिरोमणि अकाली दल के सिनीयर लीडर हंसराज हंस ने इस्लाम मज़हब अपनाने की चल रही अफवाहों पर कहा है कि वह मज़हब की तब्दील के खिलाफ हैं|
हंसराज हंस ने कहा कि वह पाकिस्तान के गुलाम नहीं हैं बल्कि वह अपने मुल्क व मजहब के वफादार हैं| हंस ने कहा कि वह पदाइशी सूफी हैं और सूफी को मज़हब के बंधनों में बांधा नहीं जा सकता| वह तो सभी मज़हबों की नवाज़ी करते हैं लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश की है|
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान दौरे के दौरान मज़हब इस्लाम कुबूल करने की चर्चाओं को ताकत मिली थी, उन्होंने कहा कि वास्तव में वह पाक वाकेय् गुरुद्वारा करतारपुर साहिब गए थे उन्हें नहीं मालूम कि इस्लाम कुबूल करने की अफवाह किसने उड़ाई|
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से वह वापस लौट चुके हैं और इस समय मुम्बई वाकेय् अपने रिहायशगाह पर हैं | जल्द ही वह जालन्धर भी आएंगे|
एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने मज़हब इस्लाम कुबूल करने के मुताल्लिक मैने किसी को कोई बयान नहीं दिया|