हकीम क़ासिमी और मौलाना मुजाहिद के मुक़द्दमात वापस लेने अदालत में दरख़ास्त

लखनऊ, 04 मई: ( सियासत न्यूज़) अखिलेश यादव की हुकूमत ने मुबय्यना मुस्लिम दहशतगर्द हकीम तारिक़ क़ासिमी और मौलाना ख़ालिद मुजाहिद जो लखनऊ फ़ैज़ाबाद और वाराणसी ज़िला अदालतों में 23 नवंबर 2007 को हुए बम धमाकों के मुल्ज़िम हैं उन पर लखनऊ फ़ैज़ाबाद और बाराबंकी की अदालतों में मुक़द्दमात चल रहे हैं इन मुक़द्दमात को वापस लेने के लिए बाराबंकी में जहां आज मुक़द्दमा की पेशी थी वहां सरकारी वकील ने एडीशनल ज़िला‍ ओ‍ सेशन जज एससी एसटी कल्पना मिश्रा की अदालत में एक दरख़ास्त पेश की जिस में हुकूमत ने ये मुक़द्दमा वापस लेने की अदालत से इस्तिदा ( गुज़ारिश) की है ।

ज़िला‍ ओ‍ सेशन जज कल्पना मिश्रा ने इस दरख़ास्त पर फ़ैसला के लिए 10 मई मुक़र्रर की है । याद रहे कि मौलाना ख़ालिद मुजाहिद और हकीम तारिक़ क़ासिमी के ख़िलाफ़ बाराबंकी ज़िला जेल में लगाए जाने वाली ख़ुसूसी अदालत कर रही है । आज भी अदालत में पहले इस्तिग़ासा ने एक गवाह मनोज मिश्रा को पेश किया जिस से वकील दिफ़ा मुहम्मद शोएब एडवोकेट ने ज़िरह की ।

ज़िरह के बाद का वक़्त ख़त्म होने वाला था फौरन इस्तिग़ासा ने मुक़द्दमा की वापसी की दरख़ास्त पेश की । इस दरख़ास्त की कापी वकील दिफ़ा मिस्टर मुहम्मद शोएब एडवोकेट ने मांगी लेकिन इस्तिग़ासा ने इन दरख़ास्त की नक़ल देने से यह कह कर इनकार कर दिया कि ये हुकूमत और अदलिया के दरमियान का मुआमला है इस में आप फ़रीक़ नहीं हैं ।

मुहम्मद शोएब ऐडवोकेट ने कहा कि चूँकि वो इस मुक़द्दमा में वकील सफ़ाई हैं और मुक़द्दमा वापस लेने की दरख़ास्त पर अदालत जो भी फ़ैसला करेगी इससे उन का मुवक्किल भी मुतास्सिर होगा ।

याद रहे कि समाजवादी पार्टी ने रियासती असेम्बली के इंतेख़ाबात के मौके पर गुज़शता बरस जारी अपने इंतेख़ाबी मंशूर में मुसलमानों से वाअदा किया था कि वो बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों जिन को ए टी एस ने बगै़र सुबूत के फ़र्ज़ी-ओ-बोग्स मुक़द्दमात में फंसा कर और दहशतगर्द क़रार दे कर जेलों में ठूँस कर रखा है उन को रिहा कराने की कोशिश करेगी ।