हकूमत-ए-पाकिस्तान की तबदीली ख़ारिज अज़ बेहस : यूसुफ़ रज़ा गिलानी

ईस्लामाबाद 19 नवंबर (पी टी आई) पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने किसी ग़ैर दस्तूरी और ग़ैर जमहूरी रास्ता से अपने मुल्क में हुकूमत की तबदीली के इमकानात को आज मुस्तर्द कर दिया।

फ़ौजी बग़ावत के अंदेशों से निमटने के लिए सियोल क़ियादत की जानिब से अमरीका से मुबय्यना तौर पर मदद की तलबी से मुताल्लिक़ एक खु़फ़ीया मकतूब के अफ़शा-ए-होजाने के बाद इस मुल्क में सयासी भूंचाल जैसी सूरत-ए-हाल पैदा हो रही है।

इस मसला पर क़ौमी असैंबली में सख़्त तन्क़ीदों का सामना करते हुए मिस्टर गिलानी ने अरकान से कहा कि पाकिस्तान के बिखर जाने और क़ौमी इदारों की तहवील के बारे में फैली हुई अफ़्वाहें बेबुनियाद हैं। उन्हों ने अरकान पर ज़ोर दिया कि वो इस तनाज़ा पर इल्ज़ाम तराशियों के खेल से गुरेज़ करें।

मिस्टर गिलानी ने मज़ीद कहा कि हम इस मसला पर पहले ही कार्रवाई करचुके हैं और आप अब अपनी तजावीज़ पेश करते हुए क्या कर सकते हैं? क्योंकि जवाबी रद्द-ए-अमल और इल्ज़ाम तराशियों का खेल नहीं चलेगा। हमें आगे की सिम्त बढ़ना है और ऐसे मसाइल से मुत्तहदा-ओ-मुशतर्का तौर पर निमटना है।

मिस्टर गिलानी ने इस मुआमला में सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के मुलव्वस होने की तरदीद और कहा कि इन की हुकूमत आई ऐस आई जैसे फ़ौजी इदारों के तहफ़्फ़ुज़ के अज़म की पाबंद है।

आई एस आई हमारा इदारा है और हम पाकिस्तानी दस्तूर के मुताबिक़ अपने इदारों का तहफ़्फ़ुज़ करेंगी। उन्हों ने कहा कि अमरीका में मुतय्यन पाकिस्तानी सफ़ीर को मुतनाज़ा याददाश्त पर वज़ाहत के लिए वाशिंगटन से ईस्लामाबाद तलब किया गया है।

मैं ऐवान को पहले ही तीक़न दे चुका हूँ कि उन्हें (हक़्क़ानी) को वज़ाहत के लिए तलब किया जाएगा और वो मुल़्क की सियोल क़ियादत को वज़ाहत देंगी।