हजरत मुहम्मद (सल०) का पैगाम पूरी इंसानियत के लिए जरूरी :

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यूपी, आजमगढ़ जिल के बिलरियागंजय कस्बे के बाजार खास मैदान में जुमा के रोज हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर प्रोग्राम हुई। इसके जरिए से मैसेज दिया गया कि हजरत मुहम्मद के पैगाम को सही ढंग से अमल करने से ही देश में अमन-चैन का माहौल बन सकता है।

इस प्रोग्राम की सदारत कर रहे जामिअतुल फलाह बिलरियागंज के नाजिम मौलाना मु. ताहिर मदनी ने कहा कि देश में अमन- चैन, प्यार, मुहब्बत व भाईचारा के लिए अल्लाह के रसूल का पैगाम सभी तक पहुंचाना होगा जो हम सभी की जिम्मेदारी है। हजरत मुहम्मद (स.) इंसानियत के सच्चे मिशाल थे। उनका मैसेज हिन्दू, मुस्लिम सभी की भलाई के लिए है। कुरआन में इंसानी जिंदगी जीने की मुकम्मल इंतजाम है।

यह किताब सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं है सभी के लिए है। यह एक अल्लाह का किताब है। हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि इस किताब में बताए गए बातों को सभी इंसान तक पहुंचाएं जिससे मुआशरे में धर्म, मजहब के नाम पर जो नफरत की खाई पैदा है वह कम हो सके। डा. अब्दुल्लाह जैलम उमरी ने कहा कि इंसान को केवल उसी की इबादत करनी चाहिए जिसने उसको इस जमीन पर भेजा है।

चैयरमैन मो. आरिफ खां ने कहा कि हिंदू -मुसलमान की बात करने वाला आदमी सही इंसान नहीं हो सकता है। कहा कि यदि हिंदू -मुस्लिम सभी अपने-अपने मजहब का सही ढंग से अमल करें तो मुआशरे में धर्म, मजहब के नाम पर कभी नफरत पैदा नहीं हो सकती है। दानिश फलाही ने कहा कि अल्लाह ने सभी के लिए रोशनी, खाना, पानी की एक बराबर इंतजाम की है। उसकी तरफ से कोई चीज बाटी नही गयी है, तो इंसान में भी आपसी नफरत नहीं होनी चाहिए।