हज़ारों एकऱ् वक़्फ़ अराज़ी का मुआवज़ा 10 रुपये

हैदराबाद में हुकूमत की तहवील में मौजूद कई क़ीमती ओक़ाफ़ी आराज़ीयात का माहाना मुआवज़ा सिर्फ़ दो रुपये है जबकि बाज़ आराज़ीयात के इस्तेमाल के लिए हुकूमत 10 ता 20 रुपये अदा कर रही है। स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद आंध्र प्रदेश शेख़ मुहम्मद इक़बाल की प्रेस कांफ्रेंस में वक़्फ़ बोर्ड के ओहदेदारों ने ये दिलचस्प इन्किशाफ़ किया।

उन्होंने बताया कि वक़्फ़ बोर्ड की तशकील से पहले उस वक़्त की हुकूमत ने हज़ारों एकऱ् आराज़ीयात को अपनी तहवील में ले लिया था और वक़्फ़ बोर्ड के क़ियाम के बाद उसे वक़्फ़ बोर्ड के हवाले नहीं किया गया। ओहदेदारों ने बताया के हैदराबाद की मशहूर दरगाहों हज़रत शाह राजू क़िताल हसीनी मिस्रीगंज, हज़रत शाह ख़ामोश नामपली और हज़रत मीराँ हसीनी लंगर हउज़ के तहत मौजूद आराज़ीयात को आज़ादी से पहले हुकूमत ने हासिल करलिया था और अब 10 ता 20 रुपये माहाना बतौर ग्रांट अदा किया जा रहा है। बाअज़ इदारे तो एसे हैं जिन्हें क़ीमती आराज़ीयात के बदले माहाना सिर्फ़ दो रुपये हासिल होरहे हैं। हैदराबाद के अलावा तेलंगाना के अज़ला में इस तरह की आराज़ीयात की तफ़सीलात अखटा की जा रही हैं। शेख़ मुहम्मद इक़बाल ने इन्किशाफ़ किया कि अनंतपुर के पीनू कुंडा में 3000 एकऱ्, चित्तूर में 1700 और दरगाह हज़रत इसहाक़ मदनी से मुत्तसिल मस्जिद आलमगीर विशाखापटनम के तहत 2162 एकऱ् अराज़ी की निशानदेही की गई है। दुसरे अज़ला में भी ये काम जारी है।