हज़ारों तमिल बेवाओं की नए सदर से उम्मीदें वाबिस्ता

श्रीलंका में मुल्की फ़ौज की तरफ़ से अलाहिदगी पसंद तमिल बाग़ीयों के ख़िलाफ़ क्रैक डाउन के नतीजे में बेवा होने वाली हज़ारों ख़्वातीन छः साल बाद शुमाली जाफ़ना इस उम्मीद पर लौटी हैं कि नए सदर शायद उन्हें बेहतर मुस्तक़बिल दे सकें।

मुफ़लिसी, नादारी और मुहताजी से निढाल और कई एक जिस्मफ्रोशी पर मजबूर कर दी जाने वाली वाली तमिल बेवाओं को श्रीलंका के नए सदर सिरीसेना से बेहतरी की तवक़्क़ुआत वाबिस्ता करते हुए अपने बिछड़े वतन शुमाली जाफ़ना लौट आई हैं।

अब ये बेवाऐं अपने ही इलाक़े में सर्दमही की शिकार हो कर रह गई हैं। इस के इलावा उन्हें मुआशरे का हिस्सा बनाने के बजाय समाजी रोग और बोझ समझी जा रही हैं।