हजारीबाग दंगा : बम बनाने के दौरान नहीं बल्कि कर्फ्यू के दौरान मारे गये थे लोग

हजारीबाग(झारखंड) : हबीबीनगर कब्रिस्तान में दफनाए गए बम धमाके में मरे पांच लोगों की लाश पुलिस ने सख्त सेक्यूरिटी की बीच पीर को निकलवाया। इस दौरान कब्रिस्तान कमिटी और उनके रिश्तेदार भी मौजूद थे। बताते चलें कि गुजिश्ता इतवार को कर्फ्यू के दौरान बम बनाने के दौरान हुए धमाके में ये लोग मारे गए थे। जिन्हें चुपके से दफना दिया गया था। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। 
लाश की शिनाख्त साजिद खान उर्फ मिंटू, सोनू, सहनवाज उर्फ छोटू, मुजफ्फर वारसी और मोहम्मद मोजाहिर के तौर में की गई। इनकी शिनाख्त इनके रिश्तेदाराें ने की। मोहम्मद मोजाहिर की लाश हबीबीनगर खिरगांव वाके कब्रिस्तान से तीन किलोमीटर दूर दामोडीह कब्रिस्तान से निकाला गया।पोस्टमार्टम के बाद लाशों को दुबारा रिश्तेदारों को सौंप दिया जाएगा।
 

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इधर, इतवार को बम बलास्ट में मारे गए लोगों के रिश्तेदारें को इंतेजामिया के सामने आए। इनसे कई अहम जानकारी पुलिस को हाथ लगी। फिर कब्रिस्तान कमेटी और मुर्दा कल्याण समिति ने मुश्तर्का तौर से एसडीओ को तररीरी दरख्वाश्त देकर कब्र से लाश को निकालने की गुजारिश की। इतवार शाम पांच बजे से लाश निकाला जाना था। लेकिन देरी होने की वजह से पीर सुबह लाश निकाले जाने पर मंजूरी बनी।

कब्रिस्तान कमेटी के सदर गुलाम अहमद हुसैन, सेक्रेटरी मो. शकील बिहारी, मो. यासीन अंसारी समेत पांच मेंबर इतवार को एसडीओ से मिले, उनके साथ मुर्दा कल्याण समिति के मो. खालिद भी गए। 
दोनों ने अलग-अलग दरख्वास्त एसडीओ को सौंपा। इसमें कहा कि जानकारी मिली है कि 17 अप्रैल की रात कर्फ्यू के दौरान हबीबीनगर धमाके में मारे गये लोगों की लाश अनधिकृत रूप से दफन किए गए हैं। दफन शव मुस्लिम तबके के हैं। उन्होंने कहा कि बगैर मजहबी तौर तरीके से इन्हें दफन किया गया है। लाश से बदबू आ रही है। इससे महामारी फैलने की इमकान है। दरख्वास्त है कि इन लाशें को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम के बाद हम लोगों को सौंप दिया जाए। ताकि मुस्लिम रीति रिवाज के मुताबिक दुबारा उन्हें दफन किया जा सके।