हजारे ने शुरू किया एक दिन का अनशन

नई दिल्ली, ११ दिसम्बर: अन्ना हजारे ने अपने तीसरे मर्हले के तहरीक् का बिगुल बजा दिया है। अन्ना हजारे ने लोकपाल बल पर पार्लियामॆन्ट् की स्टैँडिंग् कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ एतवार् को एक दिन का अलाम्ती अनशन शुरू कर दिया। हजारे ने भारत माता की जय, वंदे मातरम के उद्घोष के साथ अपने अनशन की हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि वह बहुत ज़्यादा नहीं बोलेंगे।

अन्ना महाराष्ट्र सदन से सुबह करीब नौ बजे राजघाट पहुंचे और बापू की स्टैचू के करीब् कुछ देर तक ध्यान किया।

सफेद कुर्ता और टोपी पहने हजारे का उनके सपोर्टर्स ने अनशन कॆ जगह पर जोरदार इस्तकबाल् किया जो ठंड की परवाह किए बिना सुबह से ही मौजूद् थे। वहा मीडिया से जुड़े लोग और अन्ना हामी मौजूद थे। बापू के स्टैचू पर बड़ी तादाद् में पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया था।

हजारे के सपोर्टर्स पहले ही जंतर-मंतर पहुंच चुके थे। उनके हाथों में तिरंगा था और वे राष्ट्रभक्ति गीत गा रहे थे। उनके साथ में मंच पर शाति भूषण, प्रशात भूषण, अरविंद केजरीवाल, अरविंद गौड़, किरण बेदी और कुमार विश्वास भी हैं।

इस मौके पर किरण बेदी ने संसद से गुजारिश् किया कि वह लोकपाल बल पर मुस्तकिल् कमेटी की सिफारिशों को नामंजूर कर दे और आवाम् की आवाज सुने। उन्होंने कहा कि अन्ना ने ‘नए जमूरीहत’ ( Democracy) का मिशाल् पेश किया है, जिसमें जनता अपने नुमाइन्दो से सीधे सवाल पूछ सकेगी। साबिक् पुलिस अफसर ने कहा, वे नए डॆमॊक्रैसी का नया चेहरा देखेंगे।

वोट् करने वाले लोग पूछ रहे है कि आप मेरे लिए क्या कर रहे है? यह नए डॆमॊक्रैसी का चेहरा है, जो अन्ना हजारे ने हमें दिखाया है। उन्होंने कहा, लोकपाल को केवल जांच यूनिट् बना दिया गया है.. इसे ताक्तेँ नहीं दी गई है। उन्होंने सीबीआई से जांच की जिम्मेदारी लेकर इसे कमजोर तथा लोकपाल को नाकाम् यूनिट् बना दिया है।

बेदी ने कहा कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए, ताकि एजेंसी के मुख्तलिफ् रियास्तॊं के हजारों मुलाज़्मीन् अफसर इसमें आ सकें। उन्होंने कहा कि सरकार सीबीआई को छोड़ना नहीं चाहती क्योंकि सीबीआई की अलमारिया फाइलों से भरी पड़ी हैं। लोकपाल से डर पैदा होगा,बेह्तरीन् हुकूमत पैदा होगी। सरकारी सेवा जो मेवा बन गई है, फिर सेवा बन जाएगी।

बेदी ने कहा कि नेहरू के समय से क्रप्शन के खिलाफ सिस्ट्म बनाने की बात चल रही है काश नेहरू जी सिस्टम दे जाते। 1962 से 2011 हो गया, पर अब जन लोकपाल लाना ही होगा।

उन्होंने इल्ज़ाम् लगाया कि सरकार ने लोगों को धोखा दिया है और जंतर मंतर पर मौजूद् हुए लोग दुआ करेंगे कि सरकार को अक्ल् आए।

हजारे के साथ टीम अन्ना के अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और कुमार विश्वास जैसे सदस्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, मैं ठीक और सॆहतमन्द् हूं। लोकपाल के मुद्दे पर हजारे का यह तीसरा और जंतर मंतर पर दूसरा मज़ाहिरा है। उनका पहला एह्तिजाज् मज़ाहिरा जंतर मंतर पर पाच अप्रैल को शुरू हुआ था और यह पाच दिन चला था। तब सरकार ने लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक ज्वाइंट् कमेटी बनाई थी जिसमें सरकारी नुमाइंदे और कार्कुन् शामिल थे। उन्होंने अपना दूसरा अनशन अगस्त में रामलीला मैदान में किया था जो 13 दिन चला था। हजारे ने संसद के मौजूदा शीतकालीन सेसन में मजबूत लोकपाल बिल् मंजूर् नहीं होने पर 27 दिसंबर से रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की वार्निंग् दे रखी है।

टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसौदिया ने कहा कि सरकार का लोकपाल एक धोकपाल है जो शिकायतकर्ता को फुटबॉल बना देगा। निचले दर्जे के मुलाज्मीन् को भी इसके दायरे में लाया जाए तभी कुछ मतलब होगा। इस मौके पर अरविन्द केजरीवाल ने देश से एक दिन के अनशन का अपील् किया। उन्होंने प्रधानमंत्री ज़रिये अन्ना हजारे को लिखी गई चिट्ठी मंच से पढ़कर सुनाई। उन्होंने कहा कि मनमोहन की चिट्ठी को मुस्तकिल् कमॆटी ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश की नहीं, सिर्फ राहुल की चली है। मुस्तकिल् कमॆटी ने कोई बात नहीं मानी, सिवाय दस्तूरी ऒहदा देने के। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की नहीं, काग्रेस आलाकमान की, आलाकमान कॆ ज़रीये और आलाकमान के लिए बन चुकी है। राहुन गाधी ने जो कहा, मुस्तकिल् कमॆटी ने सिर्फ वही माना।

केजरीवाल ने कहा कि लोकपाल को डाकघर बनाकर रख दिया गया है जिसमें केवल शिकायतें दे सकते हैं। सीबीआई को विभिन्न पार्टियों की सरकार ने इस्तेमाल किया, बोफोर्स से लेकर जयललिता और मायावती के मामलों तक सीबीआई का इस्तेमाल किया गया। इसीलिए सीबीआई को सरकार के नियंत्रण से बाहर निकालने की जरूरत है।

कांग्रेस की बेचैनी बढ़ाने के लिए इस बार उन्होंने अपने आंदोलन के निशाने पर सीधे कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को रखा है। राहुल के प्रधानमंत्री बनने को अन्ना ने देश के लिए खतरा तक बता दिया।

अन्ना ने शनिचर को कहा था कि वे संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को पूरी तरह ठुकराते हैं। इन्हें माना गया तो भ्रष्टाचार पर रोक की जगह उसे बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बजाय पार्टी के लिए सबसे संवेदनशील माने जाने वाले राहुल को निशाना बनाया है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि राहुल होने वाले प्रधानमंत्री हैं। लेकिन, उनकी जो विचारधारा है, उसके साथ अगर वे प्रधानमंत्री बन गए तो यह देश के लिए नया खतरा हो जाएगा।’

स्टैंडिंग् कमेटी की कमजोर सिफारिशों के लिए राहुल को दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने खत लिखकर मुझे भरोसा दिलाया था। लेकिन, उनके खत को कचरे का डब्बा दिखा दिया गया। लगता है कि इसके पीछे कोई है। यह राहुल ही हो सकते हैं। दूसरा कौन हो सकता है इतना सीनियर्?’

अन्ना ने यह भी साफ कर दिया कि अगर संसद के मौजूदा सेसन में मजबूत लोकपाल बिल् पास नहीं हुआ तो वे कांग्रेस की खिलाफत में जुट जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे में वे 27 तारीख से रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन (Indefinite) अनशन शुरू करेंगे। इसके बाद उन पांच रीयास्तों में जाकर लोगों से कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील करेंगे, जहां जल्द ही एसमबली चुनाव होने हैं। यहां तक कि दो साल बाद जब आम चुनाव होंगे तो उसमें भी वे कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों से कहूंगा कि देश को बर्बाद करने वालों को क्यों रखना?’

टीम अन्ना के सदस्य और साबिक् कानून मंत्री शांति भूषण ने भी संसद की स्टैंडिंग् कमेटी की रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि लोकपाल का असली अधिकार तो इसकी जांच हो सकती है, लेकिन समिति के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने लोकपाल के हाथ से जांच का अधिकार ही छीन लिया। लोकपाल को इतना लाचार तो सरकारी विधेयक ने भी नहीं बनाया था।

अन्ना के साथी अरविंद केजरीवाल ने भी कहा, ‘सिंघवी ने अन्ना के आंदोलन के कंधे पर बंदूक रखकर भ्रष्टाचार से लड़ने की मौजूदा व्यवस्था को भी कमजोर करने की तैयारी कर दी है। अगर ऐसा विधेयक पास हुआ तो दो साल के अंदर लोकपाल खुद पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा और फिर ये कहेंगे कि इसके जिम्मेवार अन्ना हैं।’ जनवादी आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने भी स्थायी समिति की रिपोर्ट को सरकारी धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलनों के साथ हमेशा से ऐसा ही होता आया है।