वॉल्वो के रिसर्चरों ने हजारों मीटर गहरी खदानों में ऑटोपायलट पर चलने वाले ट्रकों की टेस्टिंग की है. वॉल्वो कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ इसे दुनिया का अपनी तरह का पहला सेल्फ ड्राइविंग ट्रक बता रहे हैं, जो खदान जैसे कठिन माहौल में काम कर सकता है. इतनी गहराई पर फिल्माये गये वीडियो में एक व्यक्ति सामने से आते ट्रक के सामने खड़ा दिखता है. ट्रक की ड्राइविंग सीट खाली देखकर उस आदमी की जान को लेकर डर लगता है. लेकिन तभी पास आते आते ट्रक में अचानक ब्रेक लग जाते हैं. सभी सेल्फ ड्राइविंग गाड़ियों में आसपास के लोगों की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है. तमाम सेंसरों से लैस वॉल्वो एफएमएक्स को अभी विकसित किया जा रहा है और असली स्थिति में यह उसका पहला परीक्षण था.
टेस्ला जैसी कंपनियां सेल्फ ड्राइविंग कारों पर तो काफी काम कर ही चुकी हैं. अब दुनिया में पहली बार एक सेल्फ ड्राइविंग ट्रक को सफलता से धरती के हजारों मीटर नीचे टेस्ट किया गया है. इस सेल्फ ड्राइविंग ट्रक को खदानों में ट्रांसपोर्ट को सुरक्षित बनाने के मकसद से विकसित किया जा रहा है. उत्तरी स्वीडन की क्रिस्टीनबर्ग माइन में परीक्षण के दौरान इस ट्रक ने जमीन से 1,320 मीटर की गहराई पर करीब सात किलोमीटर की दूरी तय की.