आंधरा प्रदेश स्टेट हज कमेटी के ज़ेर एहतेमाम आज मस्जिद हकीम वज़ीर अली वाक़्य चन्दू लाल बारहदरी में आज़मीन हज्ज का एक अहम तबीयती इजतीमा ज़ेर नीगरानी मौलाना मुफ़्ती ख़लील अहमद शेख़ उल जामआ नीज़ामीया रुकन मर्कज़ी हज कमेटी मुनाकीद हुव जीस से खीताब करते हुए उन्हों ने कहा के हज इस्लाम का एक अहम फ़र्ज़ है जीस का ताल्लुक़ बदन और माल दोनों से है और इस में ना सीर्फ माल ख़र्च करना होता है बलके जीस्मानी तौर पर मशक़्क़त भी बर्दाश्त करनी पड़ती है, और जो हज मक़बूल होजाता है, इस के बाद हाजी गुनाहों से ऐसा पाक होजाता है, जैसे वो अभी माँ के पेट से पैदा हुव है।
उन्हों ने कहा के हर हज मक़बूल नहीं होता जो हज रुषवात के पैसा से या लोगों पर ज़ुलम करके कमाए गए पैसा से कीया गया हो, वो कीस तरह मबरूर मक़बूल होसकता है। उन्हों ने कहा के अगर कोई हज की ताक़त व इस्तिताअत ना भी रखता हो तो इस को हज करने की तमन्ना तो होनी ही चाहीए। मौलाना ने मज़ीद कहा के हज ख़ालीस अल्लाह ताला के लीए कीया जाय, इस का मक़सद शौहरत, तीजारत या रयाकारी ना हो।
उन्हों ने हज के फ़राइज़, वाजीबात और संतों की भी तफ़सील ब्यान कीं और कहा के हज के तीन फ़र्ज़ हैं, एक एहराम, दूसरे कीयाम अर्फ़ात और तीसरे तवाफ़ ज़यारत, इन तीन में से अगर कोई एक भी रुकन छूट जाय तो हज नहीं होता जबके वाजीबात वग़ैरा छूट जाएं तो दम या कफ़्फ़ारा दीया जा सकता है। जलसा का आग़ाज़ मस्जिद के मोज़न की तिलावत कलाम पाक से हुव। जनाब असद ख़ान, जनाब इमरान ख़ान और जनाब मुहम्मद अबदुर्रहीम ने हदया नाअत शरीफ़ पेश कीया।
सदर नशीन रीयास्ती हज कमेटी जनाब सय्यद ख़लील उद्दीन अहमद ने आज़मीन-ए-हज्ज को सफ़र हज और सऊदी अरबिया में कीयाम के दौरान मुख़्तलीफ़ एहतीयाती तदाबीर इख़तियार करने की हीदायत की और कहा के हज कमेटी आज़मीन को सहूलतें पहुंचाने की हर मुम्किन कोशिश कररही है। हज कैंप के आग़ाज़ के लीए अब बहुत कम वक़्त बाक़ी रह गया है और तैयारीयों का बड़े पैमाने पर आग़ाज़ करदीया गया है। मौलाना सय्यद महमूद सफ़ी अल्लाह वक़ार पाशाह ने कहा जो रसूल अल्लाह सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम से मुहब्बत करते हैं, सारी दुनिया उन का एहतिराम करती है।