हज कमेटियों की कारकर्दगी के मुशाहिदा केलिए इख़्तयाराती कमेटी का क़ियाम

हकूमत-ए-हिन्द के ज़रिया एक आला इख़्तयाराती कमेटी (एचपी सी) क़ायम की गई है जो हज कमेटी आफ़ इंडिया (एचसी ओ आई) और रियास्तों-ओ‍यूनियन इलाक़ों में वाके उस की ज़ेली हज कमेटियों के काम काज का जायज़ा लेगी और उनके काम काज को बेहतर बनाने से मुताल्लिक़ दाख़िल की गई मफ़ाद-ए-आम्मा की एक अर्ज़ी पर ऑनरेबल सुप्रीम कोर्ट के ज़रिया जारी की गई हिदायतों के मद्द-ए-नज़र इन कमेटियों की तरफ़ से दिए गए मश्वरों या शिकायतों पर ग़ौर करेगी।

इस कमेटी की क़ियादत उड़ीसा हाइकोर्ट, भुवनेश्वर के साबिक़ चीफ़ जस्टिस, जस्टिस (रिटायर्ड) बिलाल नाज़ुकी कररहे हैं। सऊदी अरब में हिंदुस्तान के साबिक़ एलची, सफ़ीर इशरत अज़ीज़, बेगम नूर बानो, रामपूर हाउस और महमूदुर्र‌हमन, डायरेक्टर, बॉम्बे मरकनटाइल काओप्रेटिव बैंक एचपी सी के मिम्बरान हैं।

एचपी सी वज़ारत-ए-उमूर ख़ारिजा के तहत अपनी ख़िदमात अंजाम देगी। एचपी सी को दी गई ज़िम्मेदारियों की तफ़सील यूं है (i) हज कमेटी आफ़ इंडिया (एचसी ओ आई) और उसकी रियास्ती-ओ‍यूनियन इलाक़ों में वाके इकाइयों का जायज़ा लेना और (ii) अपनी कारकर्दगियों को बेहतर बनाने केलिए इन कमेटियों की तरफ़ से दिए गए मश्वरों या शिकायात पर ग़ौर करना, एचपी सी अपना काम शुरू करेगी और 10 माह के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

वज़ीर बराए अमूरख़ारजा सल्मान ख़ुर्शीद ने 9 अक्टूबर 2013 को इस आला इख़्तयाराती वफ़द से मुलाक़ात की और एचपी सी को दी गई ज़िम्मेदारी को हकूमत-ए-हिन्द कितनी एहमियत देती है, इसके बारे में उन्हें ब्रीफ किया। सलमान ख़ुर्शीद के साथ होने वाली ब्रीफिंग के फ़ौरन बाद एचपी सी ने वज़ारत अमूरख़ारजा के अहल‌कारों और हज कमेटी आफ़ इंडिया के चेयरमैन से मुलाक़ात की और अपने ऐक्शण प्लान और अपने काम को तेज़ी से पूरा करने केलिए एक रोड माप तैयार करने पर बातचीत की।

इस आला इख़्तयाराती कमेटी ने हज के सफ़र को काम्याब‌ और आसान बनाने के सिलसिले में एचसी ओ आई और रियास्ती-ओ‍यूनियन इलाक़ों की हज कमेटियों को बेहतर बनाने केलिए इस में दिलचस्पी रखने वाले आम अव्वाम से मश्वरे और ख़्यालात तलब किए हैं और कहा कि वो उनका खैरमक़दम करेगी। इस किस्म के ख़्यालात-ओ-मश्वरे ई मेल के ज़रिया dirgulf@mea.gov.in या dirhaj@mea.gov.in पर भेजे जा सकते हैं।