नई दिल्ली, 25 अक्तूबर (यू एन आई) हज कमेटी आफ़ इंडिया के तवस्सुत से इस साल हज के लिए जाने वाले एक लाख 25 हज़ार आज़मीन की रवानगी का सिलसिला 2 नवंबर को पूरा हो जाएगा।
हज कमेटी आफ़ इंडिया के चीफ़ ऐगज़ीक्यूटिव अफ़्सर डाक्टर शेख़ शाकिर हुसैन ने यू एन आई को ये इत्तिला देते हुए बताया कि मलिक के मुख़्तलिफ़ अमबारकीशन प्वाईंटस से सऊदी आवर लाईन्ज़ और दूसरी सऊदी हवाई कंपनी नास की 517 ख़ुसूसी हज परवाज़ों से हिंदुस्तानी आज़मीन-ए-हज्ज को सऊदी अरबिया पहुंचाया जा रहा ही।उन्हों ने बताया कि हज कमेटी आफ़ इंडिया की ख़ुसूसी हज परवाज़ें दिल्ली और बैंगलौर से 2 नवंबर को रवाना होंगी।
डाक्टर शाकिर हुसैन ने बताया कि फ़रीज़ा हज की अदायगी के बाद 11 नवंबर को हिंदुस्तानी हुज्जाज की वापसी शुरू हो जाएगी। दिल्ली, हैदराबाद, कालीकट, लखनऊ, जयपुर, वाराणसी, गोहाटी, रांची और पटना के लिए 11 नवंबर से हाजियों की वापसी शुरू होगी।उन्हों ने बताया कि इस मर्तबा हज कमेटी ने हाजियों का सामान लाने केलिए ख़ुसूसी इंतिज़ाम किया है।
आवर लाईन्ज़ का अमला सऊदी अरबिया से वतन रवानगी से 24 घंटे पहले उन की रिहायश गाह से उन का सामान (5 किलो) और ज़मज़म की केन हासिल करेगा और ये सब कुछ इन्हें वतन वापसी पर अर पोर्ट पर मिल जाएगा।
उन्हों नेबताया कि मुक़र्ररा वज़न (5 किलो) से ज़ाइद सामान को कार्गो से भेजने के इंतिज़ामात भी किए गए हैं।दिल्ली अर पोर्ट पर आज़मीन-ए-हज्ज को आवर लाईन्ज़ की तरफ़ से दिए जाने वाले नाशते और खाने के बारे में शिकायात पर जब उन की तवज्जा दिलाई गई तो चीफ़ एकज़ीकटीव अफ़्सर ने कहा कि खाने पीने के इंतिज़ाम की ज़िम्मेदारी एयरलाईनज़ की होती है और जब कभी इस ज़िमन में कोई शिकायत उन के इलम में लाई गई है तो उन्हें मुताल्लिक़ा ज़िम्मेदारों को इस तरफ़ मुतवज्जा किया है।
उन्हों ने बताया कि हज कमेटी आफ़ इंडिया का अमला आज़मीन-ए-हज्ज की मदद और ख़िदमत के लिए आवर पोर्ट पर मौजूद रहता है और पूरी सूरत-ए-हाल पर नज़र रखता ही। इसी दौरान नास एयरलाईनज़ की तरफ़ से आज़मीन को खाना स्पलाई करने वाले हाजियों के पुराने ख़िदमतगार नक़ी मल्होत्रा ने यू एन आई को बताया कि हम ने हाजियों को बेहतर से बेहतर और भरपूर खाना फ़राहम करने की हत्तलमक़दूर कोशिश की है क्योंकि हाजियों की बेलौस ख़िदमत हमारा नसब उल-ऐन है।
आज़मीन-ए-हज्ज को फ़राहम किए जाने वाली खाने पीने की अशीया पर इज़हार इतमीनान करते हुए कहा है कि हज कमेटी आफ़ इंडिया और रज़ाकार तंज़ीमों के मुकम्मल तआवुन और इश्तिराक की वजह से इस बार हाजियों को किसी किस्म की परेशानी का सामान नहीं करना पड़ा है।