हज के दौरान सयासी सरगर्मीयों पर सऊदी अरब का इंतिबाह ( चेतावनी)

जद्दा, ०५ अक्टूबर ( ए एफ़ पी) हुकूमत सऊदी अरब ने हज के दौरान किसी किस्म की सयासी सरगर्मीयों के ख़िलाफ़ इंतिबाह दिया है । सऊदी सिक्योरीटी सरबराह ने कहा कि मुस्लिम ममलकत आज़मीन-ए-हज का इस्तेहसाल ( शोषण) करने वाली किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी ।

फ़रीज़ा हज की अदायगी के दौरान सयासी रैलियां मुनज़्ज़म ( आयोजित) करना ख़िलाफ़-ए-क़ानून होगा । जैसा कि माज़ी ( भूतकाल / पहले) में ईरानियों ने फ़रीज़ा हज की अदायगी के बारे में रैलियां मुनज़्ज़म ( आयोजित/ संगठित) की थीं जिस से इश्तिआल अंगेज़ी भड़की और पुलिस के साथ हलाकत ख़ेज़ तसादुम ( मुठभेड़) भी हुआ था।

हज सिक्योरीटी फ़ोर्स के कमांडर जनरल साद अलख़लावी ने कहा कि हम सयासी मक़सद के तहत किसी भी इजतिमा (स्म्मेलन) की कोशिश की इजाज़त नहीं देंगे और ना ही मनासिक हज के दौरान कोई सयासी सरगर्मी बर्दाश्त की जाएगी । हज और आज़मीन-ए-हज की सलामती को ख़तरा पहूँचाने की तमाम कोशिशों को नाकाम बनाया जाएगा और इससे सख़्ती से निमटा जाएगा ।

उन्होंने कहा कि सालाना फ़रीज़ा हज की अदायगी के लिए अक़्ता ( इलाका) आलम से आज़मीन की आमद की सिलसिला शुरू हुआ है । 25 अक्टूबर को आज़मीन मुक़द्दस फ़रीज़ा हज की सआदत हासिल करेंगे । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मनासिक हज के दौरान सयासी सरगर्मीयों से मुताल्लिक़ ख़बर शाय ( प्रकाशित) हुई है और बाअज़ गोशे हज के मौक़ा पर अमेरीका और इसराईल के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए रैलियां निकालने की कोशिश करेंगे ।

ताहम सऊदी सिकयोरीटी फ़ोर्स ने अमेरीकी और इसराईल के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए निकाली गई रैलियों को नाकाम बनाया है । 1987 में इसी तरह की रैली के दौरान पुलिस से तसादुम (मुठभेड़) में 402 अफ़राद ( लोग) हलाक हुए थे और 275 ज़ख़मी हुए थे । इस के बाद से ईरानी आज़मीन-ए-हज बगै़र किसी इश्तिआल के अपने ही ख़ेमों में रैलियां मुनज़्ज़म ( संगठित) करते हैं । गुज़श्ता साल तक़रीबन 30 लाख आज़मीन-ए-हज ने सालाना फ़रीज़ा हज की सआदत (शुभकारिता) हासिल की थी ।