हज के बहाने भीक मांगने वाला रैकेट बेनकाब

नई दिल्ली, २२ दिसंबर (यू एन आई) हज कमेटी आफ़ इंडिया के चीफ़ ऐगज़ीक्यूटिव अफ़्सर डाक्टर शेख़ शाकिर हुसैन ने आज इस बात की वज़ाहत की है कि मग़रिबी बंगाल के 166 हाजी सऊदी अरबिया में रुपोश होगए हैं।

आज टेलीफ़ोन पर बात करते हुए उन्हों ने कहा कि ऐसा मालूम होता है कि हज के बहाने सऊदी अरबिया जाकर भीक मांगने का एक रैकेट मुर्शिदाबाद में चल रहा है, जहां से मुतअद्दिद अफ़राद को भीक मांगने के लिए भेजा जाता है।

ये लोग उन के अख़राजात उठाते हैं और उन्हें कुछ मख़सूस रक़म भीक मांगने के इव्ज़ दे दी जाती है।चीफ़ ऐगज़ीक्यूटिव अफ़्सर ने बताया कि इस साल मालदा-ओ-मुर्शिदाबाद के ये माज़ूर लोग भीक मांगते हुए जब सऊदी अरबिया में पकड़े गए तो इस की इत्तिला हिंदूस्तानी सिफ़ारत ख़ाना और हज कमेटी को दी गई और उन भिकारीयों के इन्किशाफ़ात की बुनियाद पर इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड मुर्शिदाबाद के शरफ़ उल-हक़ को गिरफ़्तार करादिया गया था।

मिस्टर हुसैन ने कहा कि ये लोग सऊदी अरबिया जाकर हज कमेटी की इमारतों में नहीं ठहरते और इधर उधर जाकर भीक मांगने में लग जाते हैं। ऐसे गै़रक़ानूनी काम करने वालों की कोई ज़िम्मेदारी हज कमेटी पर नहीं है।उन्हों ने इस बात पर हैरत ज़ाहिर की कि पाबंदी के बावजूद इतनी बड़ी तादाद में माज़ूर अफ़राद रवाना होजाते हैं और उन्हें रियास्ती हज कमेटी या इमीग्रेशन पर रोकने वाला कोई नहीं होता।

उन्हों ने कहा कि ये लोग हर साल नया पासपोर्ट बनवा लेते हैं और ज़ाबते की ख़ाना पूरी करके रियास्ती हज कमेटी के ज़िम्मेदारों की आँखों में धूल झोंक कर सऊदी अरबिया पहुंच जाते हैं।डाक्टर शाकिर हुसैन ने कहा कि मग़रिबी बंगाल के ये लोग सऊदी अरबिया में रुपोश होगए हैं।

इन के ख़िलाफ़ सऊदी क़वानीन के मुताबिक़ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें हिंदूस्तान वापिस लाने की हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है क्यों कि हमारी तमाम हज परवाज़ें मुकम्मल होगई हैं।ख़्याल रहे कि हज कमेटी आफ़ इंडिया के रुकन और मग़रिबी बंगाल के कवारडी नेटर मुहतरमा अफ़रोज़ बेगम ने बताया कि ये तमाम रुपोश 166 हाजी माज़ूर हैं।

उन्हों ने बताया कि इन में से बेशतर हाजी मक्का मुकर्रमा में भीक मांगते हुए गिरफ़्तार करलिए गए हैं जब कि बाक़ी रुपोश हैं जिन के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि वो कहां और किस हाल में हैं।मुहतरमा अफ़रोज़ बेगम ने कहा कि ये तमाम लोग मुर्शिदाबाद और मालदा के हैं।

उन्हों ने कहा कि वो ख़ुद इस साल हज पर गई थीं, इस दौरान जब वो मक्का में इन की बिल्डिंग में गईं तो ये लोग अपने कमरे छोड़कर कहीं चले गए थे।उन्हों ने इस बात पर हैरत ज़ाहिर की कि हज कमेटी की तरफ़ से माज़ूर अफ़राद के सफ़र हज पर पाबंदी के बावजूद कोलकाता से पूरी एक फ़्लाईट मैं माज़ूर हाजी भरकर भेज दिए गये।