मुंबई: केंद्रीय हज समिति ने हज यात्रियों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाने और हजयात्रियों के प्रशिक्षण और सहूलियत के लिए एक शॉर्ट फिल्म बनाई जाएगी जिस में हज के मानासिक के बारे में बताया जाएगा और यह काफी उपयोगी साबित होगा, इस बात की घोषणा आज केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने किया. मंत्री हज कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित राज्य और केंद्र की बैनर तले राज्यों के अध्यक्ष और एक्जक्यूटिव अधिकारियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ” एक बार फिर मुझे अल्लाह के मेहमानों की सेवा बड़े पैमाने पर करने का अवसर मिला है.
PRADESH 18 के अनुसार, मुख्तार नकवी ने कहा कि हज कमेटी ऑफ इंडिया को पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के हवाले करने का प्रस्ताव था. और इस संबंध में पूर्व सरकार ने भी शुरुआत कर दी थी . भाजपा की नई सरकार के पास यह प्रस्ताव अब आई है और कई बातें पुरे तौर पर मंत्रालय के पास नहीं आई हैं, और उनके आने के बाद ही बेहतर तरीके से काम करने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि गुजरात, केरल, महाराष्ट्र और यूपी में ऑनलाइन फार्म का परोसेस अच्छा रहा और इस वजह से काम में सुधार हुआ.
इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मुझे हज की तैयारी के लिए गठित की जाने वाली समिति में शामिल किया था, और मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हजयात्रियों का बेहतर से बेहतर सेवा करूँगा. उनहोंने कहा कि 2016 का हज काफी आसान रहा और अब 2017 के हज को अधिक आसान बनाने की तैयारी जारी हे. इस वर्ष 21 केन्द्रों का इस्तेमाल हुआ और सात स्थानों पर उन्होंने दौरा किया, यह सच है कि राज्य समितियां अच्छा काम कर रही हैं.
उन्होंने हज समिति के माध्यम से हज यात्रियों के प्रशिक्षण के लिए एक फिल्म बनाने का भी सुझाव दया, ताकि हज के मनासिक मज़ीद आसानी से समझ सकें . वज़ीर महोदय ने बताया कि 2016 के हज के दौरान तकरीबन 45 हजार 843 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे, जो कुल आवेदनों का लगभग 11 प्रतिशत था, सबसे अधिक 10 हजार 960 ऑनलाइन आवेदन महाराष्ट्र से प्राप्त हुईं थीं. 9 हजार 257 ऑनलाइन आवेदन केरल से, 5 हजार 407 ऑनलाइन आवेदन उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुए थे. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि इस बार अधिक से अधिक लोग हज के लिए ऑनलाइन आवेदन्न दे, इस के लिए केंद्र सरकार ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को आसान और सुलभ बना रही है.
इस अवसर पर मुख्य एक्जक्यूटिव अधिकारी अताउर रहमान ने 2016 के हज की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एक लाख का कोटा में अगर 25 हज़ार का इज़ाफा किया जाए तो अधिक हजयात्रियों को मौका मिलेगा. हालांकि इस साल 4 लाख आवेदन प्राप्त हुए जिन में सबसे ज्यादा झारखंड से 75 प्रतिशत आवेदन प्राप्त हुआ.
शुरुआत में हज कमेटी अध्यक्ष और एमपी चौधरी महबूब अली कैसर ने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की और कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के तहत आने से जिम्मेदारी बढ़ गई है. उन्होंने दावा किया कि इस साल हज के बारे में आम धारणा है कि 20, 25 साल में ऐसा हज नहीं हुआ है. इस लिए भविष्य में भी हमारी कोशिश होगी कि इस से बेहतर और बेहतर करें.
इस सम्मेलन में पंजाब के अलावा सभी राज्यों की हज समितियों के अध्यक्ष और एक्जक्यूटिव अधिकारी शामिल होए. जबकि उपाध्यक्ष और सांसद सुल्तान अहमद, गोवा से आए. दूसरे उपाध्यक्ष जीना अहमद, और सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास नूर रहमान शेख और महाराष्ट्र हज कमेटी के अध्यक्ष इब्राहीम शेख ने भी भाग लिया.