हज यात्रियों को इतने रुपये अधिक जमा करने होंगे, जानिए, क्यों?

हज का सीजन शुरू हो चुका है लेकिन इस बार हज यात्री थोडा परेशान है क्योंकि एयर इंडिया के किराए में बढ़ोतरी एवं सऊदी अरब में महंगाई एवं वैट का असर इस बार हज यात्रा पर जा रहे लोगों पर भी पड़ेगा। हज यात्रियों को सात हजार रुपए से अधिक राशि और जमा करानी होगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय हज कमेटी ने प्रत्येक आजमीन से 7 हजार रुपए से अधिक की राशि और जमा कराने के निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय हज कमेटी के सीईओ डॉ. मकसूद अहमद खान ने यह आदेश जारी किए हैं।

आदेश के अनुसार 2018 के लिए चयनित आजमीन द्वारा अलग-अलग राशि देय होगी। जिसकी वजह से हज यात्रियों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गयी है।

347.50 सऊदी रियाल से 391.18 सऊदी रियाल तक परिवहन शुल्क में वृद्धि हुयी है। माशार क्षेत्र में मेट्रो ट्रेन किराया 250 सऊदी रियाल से बढ़ कर सऊदी रियाल 400 तक हो गया है।

मीना में शामियाने 147 सऊदी रियाल में बिस्तर शुल्क (वैट 5% सहित) हो गया है। 450 सऊदी रियाल से 475 सऊदी रियाल तक आईडीबी द्वारा अदा कूपन की दरों में वृद्धि है।

इन प्रेषणों का भारत औसत 17.9106 रुपए प्रति सऊदी रियाल तक काम करता है, जबकि राजस्थान का 2018 के लिए हज राशि का संग्रह 17.6010 रुपए प्रति सऊदी रियाल था। ग्रीन केटेगिरी के लिए प्रत्येक आजमीन को 7750 रुपए।

यह राशि अतिरिक्त किश्त 3 के रूप में एसबीआई की किसी भी एचसीओआई खाता संख्या 32175020010 ‘शुल्क प्रकार 25” या यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में एचसीओएल हज राशि खाते में हज दिशा निर्देशों से जुड़ी उचित ग्रीन पे-इन-पर्ची का उपयोग किया जा सकता है।

इन बढ़ते टैक्स की वजह से गरीब लोगों को हज यात्रा करने पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में एक औसतन पपरिवार वाली आये को भी कड़ा झटका लगा है।