हज हाउस को गिरा कर फिर से बनाने का हुक्म

बीआइटी मेसरा और सन टेक की रिपोर्ट की बुनियाद पर वजीरे आला रघुवर दास ने कडरू वाकेय हज हाउस को गिराने का हुक्म दिया है। इसी जगह पर नया हज हाउस बनाने को कहा है। बीआइटी मेसरा और सन टेक ने जांच के बाद हज हाउस के इमारत को जजर्र करार दिया था। इसके गिरने की खदशा जतायी थी। जांच रिपोर्ट की बुनियाद पर वजीर आला ने मामले में मुजरिम अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और दो सालों के लिए ओपश्नल निजाम करने की हिदायत दिया है।

तामीर काम में गड़बड़ी के बाद फिर से बनाने का फैसला

हज हाउस की तामीर में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद इसके फिर से बनाने का फैसला लिया गया था। 2013 में सदर हुकूमत में तामीर की जिम्मेदारी आवास बोर्ड से लेकर इमारत तामीर महकमा को सौंपी गयी थी। इमारत की जांच के लिए सन टेक और बीआइटी मेसरा को अथोराइज्ड किया गया था।

तय किया गया कि दोनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मरम्मत शुरू होगी। इमारत तामीर महकमा के इंजीनियरों ने पांच करोड़ की लागत से बने इस इमारत की मरम्मत के के लिए 6.76 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया था। महकमा के चीफ इंजीनियर ने इस्टीमेट पर तकनीकी मंजूरी देते वक़्त यह शर्त लगा दी थी कि इमारत की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मरम्मत का काम शुरू किया जायेगा।

सन टेन ने घटिया तामीर से मुतल्लिक़ अपनी रिपोर्ट 2013 में इमारत तामीर महकमा को सौंप दी। पर बीआइटी की रिपोर्ट नहीं मिली थी। सन टेक ने रिपोर्ट में कहा था कि हज हाउस धीरे-धीरे धंस रहा है।
इसके बावजूद इंजीनियर ने टेंडर निकाल पर मरम्मत का काम शुरू करा दिया। इस दरमियान सुखदेव सिंह इमारत तामीर महकमा के सेक्रेटरी बनाये गये। उन्होंने जायजा के दौरान इंजीनियरों के इस कारनामे को पकड़ा और काम पर फौरन रोक लगा दी। बाद में केके सोन इमारत तामीर सेक्रेटरी बनाये गये। उनके मुद्दत में बीआइटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी।

रिपोर्ट में इसके जजर्र होने की बात कही गयी है। इसके बाद महकमा ने हज हाउस को गिराने और इसे नये सिरे से बनाने का प्रपोज़ल वजीरे आला को भेजा। महकमा ने इस मामले में मुजरिम अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और हज मुसाफिरों के लिए ओपश्नल निज़ाम करने की हिदायत दिया।