हदीस शरीफ़

हज़रत इमाम हुसैन रज़ी अल्लाहो तआला अनहो फ़रमाते हैं रसूल ल्लाहो सल्लाहो अलैहि अलैहि वसल्लम से एक शख़्स ने अर्ज़ किया हुज़ूर में कमज़ोर भी हूँ और बुज़दिल भी , इरशाद हुआ तुम ऐसा जिहाद करो जिस में कांटा भी ना लगे , इस ने अर्ज़ किया ऐसा कौन सा जिहाद है जिस में तकलीफ़ ना पहूंचे , फ़रमाया हज किया करो । (तबरानी)