हदीस शरीफ़

हज़रत अबदुल्लाह बिन उम्र रज़ी अल्लाहो तआला अन्हो से रिवायत है रसूल अल्लाहो सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जिस ने ख़तरा के मौक़ा पर मुजाहिदीन की पासबानी की ये रात शब-ए- क़दर से बेहतर है । (हाकिम )