हज़रत आईशा सिद्दीक़ा रज़ी अल्लाहो तआला अनहा से रिवायत है रसूल ल्लाहो सल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया जब औरत अपने शौहर की इजाज़त से इस के माल से ख़ैरात करती है तो औरत को ख़ैरात करने का अज्र मिलता है और शौहर को कमाने का सवाब मिलता है और ख़ादिम को उठा कर देने का सवाब मिलता है और तीनों के हिस्से में किसी का अज्र कम नहीं होता । (बुख़ारी , मुस्लिम)