हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल ल्लाहो सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जब कोई शख़्स सदक़ा देता है चाहे वो खजूर के बराबर ही क्यों ना हो तो अल्लाह तआला इस सदक़ा को अपने हाथ में लेता है बशर्तिके ये सदक़ा पाक कमाई से दिया जाय क्योंकि अल्लाह तआला पाक चीज़ को ही पसंद करता है फिर उस सदक़ा की परवरिश करता है और इस को बढ़ाता है यहां तक कि एक खजूर एक पहाड़ के बराबर होजाता है । (बुख़ारी शरीफ़ , मुस्लिम शरीफ़)