हज़रत जाबिर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है कि रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया दो रकात नमाज़ जिस के वुज़ू में मिस्वाक की गई हो ऐसी सत्तर (70) रकातों से अफ़ज़ल है जिस में मिस्वाक ना की गई हो । (अबू नईम)
हज़रत जाबिर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है कि रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया दो रकात नमाज़ जिस के वुज़ू में मिस्वाक की गई हो ऐसी सत्तर (70) रकातों से अफ़ज़ल है जिस में मिस्वाक ना की गई हो । (अबू नईम)