हज़रत अबदुल्लाह बिन मसऊद रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया औरत की नमाज़ बजाय मस्जिद के उस के घर में अफ़ज़ल है और जो नमाज़ औरत घर के सेहन में पढ़े इस से वो नमाज़ अफ़ज़ल है जो कोठरी में अदा की जाय । (बुख़ारी शरीफ़)
हज़रत अबदुल्लाह बिन मसऊद रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया औरत की नमाज़ बजाय मस्जिद के उस के घर में अफ़ज़ल है और जो नमाज़ औरत घर के सेहन में पढ़े इस से वो नमाज़ अफ़ज़ल है जो कोठरी में अदा की जाय । (बुख़ारी शरीफ़)