हदीस शरीफ

हज़रत अबू सईद ख़ुदरी रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया अगर कोई शख़्स ख़िलाफ़-ए-शरीयत काम को देखे तो हाथ से उस को रोक दे , अगर इतनी ताक़त ना हो तो ज़बान से मना करदे , ये भी ना हो सके तो कम अज़ कम उस को दिल से बुरा जाने अगरचे ये आख़िरी सूरत बहुत ही कमज़ोर ईमान की अलामत है । (मुस्लिम शरीफ़)