हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया एक दिरहम एक लाख दिरहम से बढ़ गया किसी ने दरयाफ़त क्या ये किस तरह ,

फ़रमाया एक शख़्स के पास माल बहुत है उस ने अपने कसीर माल में से एक लाख दिरहम दे दिए लेकिन एक ग़रीब आदमी के पास दो दिरहम थे उस ने दो दिरहम में से एक दिरहम ख़ैरात करदिया तो इस ग़रीब का एक दिरहम उस करोड़पती के एक लाख दिरहम से ज़ाइद है । (बुख़ारी शरीफ़, इबन हबान)