हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ुरआन में तीस आयतों की एक सूरत है इस सूरत ने एक शख़्स की शफ़ाअत की यहां तक कि अल्लाह तआला ने उसे बख़श दिया ये सूरत ताबराकल्लज़ी है । (मुस्लिम शरीफ़)
हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ुरआन में तीस आयतों की एक सूरत है इस सूरत ने एक शख़्स की शफ़ाअत की यहां तक कि अल्लाह तआला ने उसे बख़श दिया ये सूरत ताबराकल्लज़ी है । (मुस्लिम शरीफ़)