हदीस शरीफ

हज़रत अनस रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया क़ियामत में जब अहले मह्शर से हिसाब-ओ-किताब लिया जा रहा होगा तो लोगों का एक ज़म्म-ए-ग़फ़ीर तलवारें कंधों पर रखे हुए जन्नत के दरवाज़े पर पहूंचेगा उन लोगों के ज़ख़मों से ख़ून बहता होगा अहले मह्शर के दरयाफ़त करने पर बताया जाएगा कि ये लोग शहीद हैं ये मौत के बाद ज़िंदा थे और उन को रिज़्क दिया जाता था । (तिबरानी)