हदीस शरीफ

हज़रत इब्न अब्बास रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने जब यौम आशूरा का रोज़ा रखा और इस दिन का रोज़ा रखने का हुक्म इरशाद फ़रमाया तो सहाबा किराम ने अर्ज़ क्या या रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ये तो वो दिन है जिस दिन की यहूद-ओ-नसारा ताज़ीम करते हैं इस पर रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया कि अगर मैं आइन्दा साल तुम्हारे दरमयान रहा तो 9 वीं मुहर्रम का रोज़ा ज़रूर रखूंगा । (मुस्लिम शरीफ़ , मिशकात शरीफ़)