हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से
पूछा गया कौनसी कमाई अफज़ल(बेहतर) है इर्शाद हुआ अपने हाथ से कमाई करना या तेजारत(बिजनस) कर के कामना (तिबरानी)
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) से
पूछा गया कौनसी कमाई अफज़ल(बेहतर) है इर्शाद हुआ अपने हाथ से कमाई करना या तेजारत(बिजनस) कर के कामना (तिबरानी)