हज़रत सहल बिन साद रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फ़रमाया दो वक़्त ऐसे हैं जिन में किसी दुआ मांगने वाले की दुआ रद्द नहीं होती । एक मोअज्जन जब तकबीर शुरू करे और नमाज़ के लिए सफ़ें सीधी हो रही होँ और दूसरे जिहाद की सफ़ में । (इबन हबान)