हदीस शरीफ

हज़रत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है रसूल-ए-पाक (स०अ०व०)ने फ़रमाया जो शब-ए- क़दर में इमान के साथ और सवाब की नियत से इबादत के लिए खड़ा हो उसके तमाम पिछले गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं (बुखारी व् मुस्लिम)