हजरत सोबान रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया तकदीर-ए- इलाही को सिर्फ दुआ ही लौटा सकती है नेकी उम्र को बाढा देती है गुनाह की वजह से आदमी रिजक से महरूम कर दिया जाता है (हाकिम)
हजरत सोबान रज़ी अल्लाहो तआला अनहो से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) ने फरमाया तकदीर-ए- इलाही को सिर्फ दुआ ही लौटा सकती है नेकी उम्र को बाढा देती है गुनाह की वजह से आदमी रिजक से महरूम कर दिया जाता है (हाकिम)