हजरत अबू मूसा अशअरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) के पास कोई साएल या हाजतमंद आता तो हुजूर (स०अ०व०) अपने सहाबा से फरमाते ‘उसकी मदद करो और उसकी शिफारिश करो ताके तुम्हें शिफारिश का सवाब मिले (बुखारी शरीफ)
हजरत अबू मूसा अशअरी रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०अ०व०) के पास कोई साएल या हाजतमंद आता तो हुजूर (स०अ०व०) अपने सहाबा से फरमाते ‘उसकी मदद करो और उसकी शिफारिश करो ताके तुम्हें शिफारिश का सवाब मिले (बुखारी शरीफ)