हदीस शरीफ

हजरत अबू हुरैरा रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, वो दुआ कुबूल नहीं की जाती, जो दिल की गफलत के साथ की जाती है। (तिरमिज़ी)