हदीस शरीफ

हजरत अब्दुल्लाह बिन मसउद रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है के, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, हर क़र्ज़ सदका है, यानि क़र्ज़ देने का सवाब सदका देने के बराबर है। (तिरमिज़ी)