हनुमान को दलित बता बुरे फंसे CM योगी, ब्राह्मण सभा ने भेजा नोटिस

 देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी दल अब खुलकर एक दूसरे के आमने- सामने आ गए हैं। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजस्थान में स्टार प्रचाकर के तौर पर मैदान में उतारा है। प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित बता दिया था। अब ब्राह्मण सभा ने इस बयान पर कदम उठाते हुए योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजा है।

वहीं बीजेपी ने भी योगी के इस बयान से अपना दामन छुड़ा लिया है। जब इस बयान पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने किनारे करते हुए कहा कि इसका जवाब तो कांग्रेस को देना चाहिए। वहीं इस पर तिखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये लोग वोट के लिए जाति को भी नही छोड़ते हैं।

 

बता दें कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बजरंगली के नाम पर वोट मांगे और उन्हें दलित के साथ-साथ वनवासी, गिरवासी और वंचित तक बता दिया। योगी ने बयान देते हुए कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की रावण से भी तुलना कर डाली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गौ तस्करी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा है कि चुनाव में राम भक्त बीजेपी को वोट दें और रावण भक्त कांग्रेस को वोट दें। इसके अलावा भरतपुर में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी औरंगजेब जैसे लोगों से रक्षा कर सकती है, राम राज्य लाने के लिए बीजेपी उम्मीदवार को जिताएं।

गौरतलब है कि योगी ने अपने प्रचार की शुरुआत फतेहपुर से की है। भाषण के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को ही अली मुबारक हमे तो बजरंग बली चाहिए। हालांकि योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि जिस व्यक्ति ने संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री का पद संभाला है, उसे संविधान के इस पद की मर्यादा रखनी चाहिए।