लखनऊ: विश्व हिन्दू परिषद ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हनुमान गढी मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने की कड़ी आलोचना की है। विहिप नेता एवं श्रीराम जन्म भूमि न्यास के सदस्य दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए हनुमान गढ़ी के नज़दीक स्थित राम लला के दर्शन नहीं करने को अधूरी पाठ पूजा बताया। महंत सुरेश दास ने कहा कि राहुल के हनुमान गढ़ी के दर्शन को अलग करके नहीं देखना चाहिए। यह उनकी किसान यात्रा का ही हिस्सा है। विहिप नेता ने राहुल के हनुमान दर्शन को भी अपूर्ण बताया। कहा कि हनुमान जी को प्रसन्न करने से पहले स्वामी (राम) को भूल गये। जबकि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी और केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य महंत कमल नयन दास ने कहा बगैर स्वामी के दर्शन के सेवक मनोकामनाओं को कैसे पूरा कर सकते हैं।
इधर, विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का आरोप है कि मुसलमानों का वोट पाने के लिए राहुल राम लला का दर्शन करने नहीं गए। राम लला का मंदिर हनुमानगढी से कुछ दूरी पर ही है। बता दें कि राम मंदिर आंदोलन के बाद से उत्तर प्रदेश की सत्ता से दूर कांग्रेस उपाध्यक्ष शुक्रवार को भगवान हनुमान का दर्शन करने अयोध्या के हनुमानगढी गए थे। तकरीबन 38 साल पहले राहुल की दादी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हनुमान गढ़ी गई थीं। जबकि अयोध्या के 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद नेहरु-गांधी परिवार का कोई सदस्य अयोध्या नहीं गया था। राहुल गांधी के राम लला के दर्शन करने के बारे में प्रश्न करने पर कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ने कहा की हम राजनीति के लिए धर्म का बेजा इस्तेमाल नहीं करते।