हमने की NRC की शुरुआत, बीजेपी कर रही राजनीति- कांग्रेस नेता गोगोई

नेशनल रजिस्ट्रार ऑफ सिटिजन (एनआरसी) पर मचे सियासी घमासान के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री तुरन गोगोई ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, कांग्रेस एनआरसी को छोड़ नहीं सकती. लेकिन जो फाइनल लिस्ट है, उसमें ढेरों कमियां हैं.

गोगाई ने कहा, एनआरसी हमारी बेबी है. ये मेरी बेबी है. इसकी शुरुआत मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान हुई. इसका एक मात्र उद्देश्य ये देखना था कि यहां कितने विदेशियों की पहचान होती है. वहीं, भारतीय नागरिकों के बारे में साथ ही इसमें किसी धर्म से जोड़कर नहीं रखा गया था. उनका नाम एनआरसी में होना चाहिए. हम इसे अस्वीकार नहीं कर सकते हैं. लेकिन हमारा मानना है कि जिस तरह से इसे तैयार किया गया और जिस तरह से फाइन रिपोर्ट छापा गया ये तरीका गलत है.

अनिश्चितता में हैं लोग
उन्होंने कहा, यहां बड़ी कमियां हैं. इसका नतीजा है कि 40 लाख से ज्यादा लोग अनिश्चितता में हैं. उन्होंने असुरक्षा का भाव जागा है. यह बीजेपी सरकार की छोटी सोच की राजनीति है, जोकि कई तरह की परेशानियां पैदा कर रही है. गोगोई ने कहा, हमारा तरीका ये है कि हम हर वास्तविक भारतीय नागरिको को सुरक्षा देता. सभी वास्तविक नागरिकों के नाम फाइनल लिस्ट में होते. इसे लापरवाही से नहीं लेते और इसपर राजनीति नहीं करते. बांटने की राजनीति न करिए. यहां हिंदू, मुस्लिम, ईसाई जैसा कुछ नहीं करते. यह सभी धर्म के खिलाफ है. इसमें बड़ी संख्या में हिंदुओं का नाम शामिल नहीं हुआ है. हम हिंदू, मुस्मिल, ईसाई सबके लिए हैं.

सरकार को करनी चाहिए सहायता
गोगोई ने कहा, जिन वास्तविक लोगों का नाम फाइनल लिस्ट में नहीं है, ऐसे लोगों की सरकार को कानूनी सहायता करनी चाहिए. हम खुद उन्हें देंगे. इनमें से ज्यादातर बहुत गरीब परिवार से आते हैं. कितने लंबे समय तक वह पैसे खर्च करेंगे. वह अपढ़ लोग हैं. कम से कम हेल्पलाइन बनाना चाहिए और सरकार को उनकी सहायता में आगे आना चाहिए.

असम को लेकर जागरूत
40 लाख में कितने विदेशी होंगे के सवाल पर गोगोई ने कहा, एक बड़ी आबादी भारतीय नागरिक है. इस पर टिप्पणी करना काफी कठिन है. रिकॉर्ड के मुताबिक 2.48 संदेश के दायरे में रखे वोटर हैं. पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह के प्रयास पर गोगोई ने कहा, यह उनका मामला है. हम असम को लेकर जागरूक हैं. वे राजनीति कर रहे हैं. वे हिंदू-मुसलमान को बांटना चाहते हैं. वे बांग्लादशी हिंदुओं को प्रोटेक्शन देना चाहते हैं.

पीएम को लिखी थी चिट्ठी
उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर हम अपने नेताओं से मिलेंगे. हम इस पर सभी से बात करेंगे. मैंने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी कि जो साल 2014, 2016 में वोटर थे वह ऑटोमेटिकली एनआरसी में शामिल होंगे. अगर वे भारतीय नागरिक नहीं हैं तो वे वोट नहीं दे सकते.