हमले का मन्सूबा अफ़्ग़ानिस्तान में बना और वहीं से कंट्रोल हुआ

पाकिस्तानी फ़ौज के तर्जुमान ने कहा है कि पिशावर के क़रीब बढबीर में क़ायम फ़िज़ाईया के कैंप पर होने वाले हमले की मंसूबा बंदी अफ़्ग़ानिस्तान में की गई थी और दहश्तगर्द भी वहीं से आए थे।

जुमे की सुबह पेश आने वाले इस वाक़े में 13 हमला आवरों समेत कल 43 अफ़राद हलाक हुए थे। कार्रवाई के ख़ातमे के चंद घंटे बाद जुमे की शाम ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बात करते हुए डायरेक्टर जेनरल आई एस पी आर मेजर जेनरल आसिम बाजवा ने कहा है कि दहश्तगर्दी की इस कार्रवाई को भी अफ़्ग़ानिस्तान से ही कंट्रोल किया जा रहा था।

उन्होंने हमले में हलाक होने वालों की तफ़सील बताते हुए कहा कि हमले के दौरान पाकिस्तानी फ़िज़ाईया के 23 और बर्री फ़ौज के तीन अहलकारों के इलावा फ़िज़ाईया के चार शहरी मुलाज़मीन भी हलाक हुए।

मेजर जेनरल बाजवा का कहना था कि कार्रवाई के दौरान खु़फ़ीया इदारों ने हमला आवरों की जो गुफ़्तगु सुनी इस से ये बात साबित होती है कि उनका ताल्लुक़ तहरीके तालिबान पाकिस्तान के एक गिरोह से था और ये तमाम अफ़्ग़ानिस्तान से आए थे।