हमल की कीमत 75 हजार, पंचों को 50 हजार

ब्लॉक इलाक़े के एक गांव में पंचों ने नाबालिग तालिबा के हमल में पल रहे बच्चे की कीमत 75 हजार लगायी है, लेकिन इस पैसे में से 25 हजार रुपये पंचों की जेब में चले जाएंगे। पंचों की तरफ से खुफिया तौर से सुनाए गए शर्मनाक फैसले में लड़का-लड़की के प्यार के जुर्म में उनके खानदान पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना ठोका है। पंचों का कहना है कि दोनों फरीकों से जुर्माने में मिले 50 हजार रुपये से वे समाजी मुफाद में अवामी काम करेंगे। नौजवान के वालिद लड़की के पेट में पल रहे बच्चों को बर्बाद कराने और इलाज में खर्च के नाम पर लड़की हक़ को 75 हजार रुपये तो देगा, लेकिन उसमें से 25 हजार रुपये जुर्माने के तौर में पंचों की जेब में चले जाएंगे।

लड़की और उसके खानदान की इज्जत बचाने के बहाने पंचों ने शादी का झांसा देकर नाबालिग से इस्मतरेज़ि करने वाले लड़के को पुलिस कार्रवाई से बचा लिया है। अब तक इस मामले को न तो पुलिस के पास पहुंचाया गया और न ही मुंतखिब अवामी नुमाइंदों को मुदाखिलत का मौका दिया गया। ज़राये का कहना है कि यह मामला ऐसी नाबालिग लड़का-लड़की की है जो अलग-अलग मजहब के हैं। शर्मनाक इंसाफ करने वाले पंच भी अलग-अलग मजहब के हैं। चालाकी ऐसी कि पंचायत तहरीरी नहीं हुई, बल्कि आपसी मंजूरी के बाद सीधा फरमान सुना दिया गया। हालांकि इस मामले की सरकारी तसदीक़ नहीं की जा रही है।

लड़की इंटर की तालिबा है और लड़का 8 वीं का । दोनों एक ही गांव के हैं। दोनों के दरमियान गुजिशता कई महीने से इश्क़ चल रहा था। आपसी तालमेल और मोबाइल के सहारे दोनों अक्सर मिला करते थे। पंचायत में लड़की ने बताया कि उसका आशिक पहले साथ जीने-मरने की कसमें खाता रहा। अब जब उसके कोख में बच्चा पलने लगा है तो वह अपने घर वालों के दबाव में पीछे हटने लगा है। पंचों का कहना है कि यह समाज के लिए शर्मनाक है। ऐसी सजा दी जाए कि जिसे सुनकर दूसरे गुनहगारों का हौसला पस्त हो सके और उसे सबक मिले। इसी नाम पर बड़ा इक़्तेसादी दंड दिया गया है।