हमारा पड़ोसी देश आतंकवाद को हवा दे रहा है: प्रधानमंत्री

पाकिस्तान पर अपनी आलोचनाओं में वृद्धि करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि हमारे पड़ोस में एक ऐसा देश है जो आतंकवाद को हवा दे रहा है। आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे दूसरे देशों में निर्यात करने में लगे हुए है। उन्होंने विश्व समुदाय से आग्रह किया कि आतंकवाद के आविष्कारक देश के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए उसे एक‌ और अकेला करते हुए सीमाएं लगाया जाए। ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि हमारे पड़ोस में एक ऐसा देश है जो आतंकवाद को बढ़ावा दे कर उसे बरामद कर रहा है। अब समय आ गया है कि सारी दुनिया की ताकतें इस देश की आतंकवाद पर काबू पाने के उपाय करें। इससे पहले 14 वीं आसियान भारत। शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने आतंकवाद के निर्यात में वृद्धि पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त जाहिर कि उन्होंने पाकिस्तान का हवाला दिया और कहा कि इस क्षेत्र में संयुक्त सेक्यूरिटी के लिए यह देश खतरा बना हुआ है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री चीन ली कैपिंग की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस आतंकवाद को निर्यात करने से उसके लिए जगह कम होती जा रही है और हिंसा बढ़ रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में भी अमेरिका ने भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए प्रयासों का पुरजोर समर्थन किया। राष्ट्रपति ओबामा ने प्रधानमंत्री से कहा कि जैसा कि हम सियोल परमाणु सहयोग को मजबूत बनाने और पर्यावरण परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी भागीदारी में त्वरित प्राथमिकताओं पर चर्चा की है।

ओबामा से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि हम भारत। अमेरिका संबंधों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए राष्ट्रपति ओबामा से बातचीत की है। ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन के अवसर पर इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। पिछले दो साल में यह उनकी 8 वीं बैठक है। व्हाइट हाउज़ अधिकारी ने इस बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका, भारत के बीच दोस्ती को मजबूत प्रतिबद्धता का पुनरुद्धार करते हुए राष्ट्रपति ओबामा ने इस बात की पुष्टि की कि भारत की परमाणु सपलायरस समूह (एनएसजी) में सदस्यता के लिए प्रयासों अमेरिका पुरजोर समर्थन करता है। इस सिलसिले में अमेरिका महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

48 सदस्यीय शक्तिशाली समूह में भारत को शामिल करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत की भागीदारी आवश्यक है। चीन ने जून में एनएसजी के प्लेनरी सेशन के दौरान दिल्ली के प्रयासों को नाकाम किया था। दोनों नेताओं ओबामा। मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन के जरिए क्षेत्र में अपने हिस्से के रूप में चर्चा की गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे कदम भारत जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दक्षिण चीन सागर मोर्चे में लंबे समय से जारी विवाद को उठाया और क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन में इस एजेंडे को केंद्रीय विषय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने को सुनिश्चित करने के लिए लगातार कोशिश करेंगे।