हमारा मक़सद इंतिख़ाब जीतना नहीं भाजपा को हराना था : लालू

राजद सरबराह लालू प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा इंतिख़ाब में यह साफ हो गया कि आज़ाद उम्मीदवार भाजपा के थे। इस इंतिख़ाब में भाजपा दर पर्दा नहीं बल्कि सीधे लड़ रही थी। आज़ाद उम्मीदवारों को मिले 108 वोटों में 83 भाजपा के ही थे। हमारा मक़सद इंतिख़ाब जीतना नहीं भाजपा को हराना था।

अगर इस इंतिख़ाब में जदयू का साथ नहीं देते तो मुल्क की आवाम हमें कभी माफ नहीं करती। उन्होंने खरीद फरोख्त की सीबीआई जांच की मांग की। राज्यसभा इंतिख़ाब के बाद प्रेस से बातचीत में मिस्टर प्रसाद ने कहा कि यह इंतिख़ाब रिजल्ट मुल्क को नई राह पर ले जाएगा।

कमंडलवादियों पर जीत के साथ मंडलवादियों को एकजुट करने की बुनियाद पड़ गई है। यह पूछने पर कि क्या आगे भी वह नीतीश कुमार से मिलकर इंतिख़ाब लड़ेंगे? उन्होंने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन आगे की बात आगे होगी।

हम इंतिख़ाब हार सकते हैं, लेकिन असुलों से समझौता नहीं कर सकते। सामाजिक इंसाफ और सुकुलरिज़्म के फी हमारा मुकम्मील एतराफ़ है। भाजपा हिमायत लोग जीतते तो मेरा मिसाली हार जाता। यह अलग है कि नीतीश कुमार ने हमारा वोट काटा है।

हम दोनों मिलें तो 45 फीसद वोट होंगे, जबकि भाजपा तकरीबन तीस फीसद वोट ही पा सकी है। प्रसाद ने कहा कि नीतीश को जिंन लोगों ने छोड़ा वहीं सामजवादी लोगों की तरफ से कायम गरीबो और पासमांदा की हुकूमत को जंगलराज कहते थे।

वही लोग वक़्त की चाल देख नीतीश कुमार को तरक़्क़ी मर्द कहते नहीं थक रहे थे। मुल्क खतरे में चला गया है अब रियासत को बचाना है। सुशील मोदी तो बौखला गए हैं। यह पहला मौका है जब टीवी पर जीतने वाले नहीं हारने वाले छाए हुए हैं।

कहा कि हमरे लोग अगर क्रास वोटिंग किए हैं तो उसकी जांच होगी। यह पूछने पर कि क्या नीतीश कुमार ने इस जीत के लिए अपको मुबारकबाद दी, उन्होंने कहा कि हां, उन्होंने बात की। लेकिन मैंने कहा कि मुबारकबाद तो आपको मिलनी चाहिए।