सुनील जेम्स के अरकान ख़ानदान ने मरचेंट शिप के कैप्टन की टोगो जेल से रिहाई पर मर्कज़ी हुकूमत से इज़हार-ए-तशक्कुर किया। रिहाई की ख़बर ने सब से ज़्यादा जेम्स की अहलिया आदिती जेम्स को राहत पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि सुनील जेम्स की रिहाई की लड़ाई एक फैसला कुन मोड़ तक पहुंच गई थी, इस दौरान हम ने काफ़ी मुश्किल वक़्त गुज़ारा और बिलआख़िर इस लड़ाई में हमारी कामयाबी हुई। हुकूमत ने जेम्स की रिहाई के लिए जो कोशिशें कीं, इसके लिए हमारा पूरा ख़ानदान हुकूमत का शुक्र्गुजार है।
उन्होंने कहा कि रिहाई के अमल में तेज़ी उस वक़्त पैदा हुई जब हम ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करते हुए अपनी बिप्ता सुनाई थी। मनमोहन सिंह ने आजलाना रिहाई का जो वाअदा किया था उसे बिलआख़िर पूरा कर दिखाया। मग़रिबी अफ्रीका में वाके टोगो जेल में सुनील जेम्स गुजिश्ता पाँच माह से कैद थे।
वज़ारत अमूर ख़ारिजा ने भी सुनील जेम्स की रिहाई की तौसीक़ की। जेम्स के साथ एक और मल्लाह विजय भी कैद थे, उनकी भी रिहाई अमल में आई है। वज़ारत अमूर ख़ारिजा के तर्जुमान अकबरुद्दीन ने अपने टुइटर पर सुनील जेम्स की रिहाई का तज़किरा किया जहां उन्होंने इस सिलसिला में हिंदुस्तानी हाई कमिशनर की ज़बर्दस्त सताइश की और उम्मीद ज़ाहिर की के सुनील जेम्स का अपने अरकान ख़ानदान से दुबारा मिलाप होगा।
यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि सुनील जेम्स के ग्यारह माह के बेटे वेवान का 2 दिसम्बर को इंतिक़ाल होगया था और उन के अरकान ख़ानदान इस बात के ख़ाहिश थे कि बेटे की आख़िरी रसूमात में सुनील जेम्स भी शरीक हो और इस बात को मद्द-ए-नज़र रखते हुए जेम्स की रिहाई केलिए कोशिशें तेज़तर करदी गई थीं।
मुंबई के मज़ाफ़ाती इलाक़ा अंधेरी में वाक़िया होली स्परिट हॉस्पिटल में वेवान ज़ेर-ए-इलाज था। सुनील जेम्स को 31 जुलाई को क़ज़्ज़ाक़ों के साथ साज़ बाज़ करने के शुबा में गिरफ़्तार करलिया गया था।